JP Nadda: भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. नड्डा को राज्यसभा में सदन का नेता बनाया गया है.
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JP Nadda: भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. नड्डा को राज्यसभा में सदन का नेता बनाया गया है. इससे पहले पार्टी ने ये जिम्मेदारी पीयूष गोयल को दी थी. नई व्यवस्था में पीयूष गोयल की जगह जेपी नड्डा लेंगे. गोयल को जुलाई 2021 में राज्यसभा में सदन का नेता बनाया गया था.
Union Minister and BJP National President JP Nadda has been appointed as the Leader of the House of the Rajya Sabha.
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— ANI (@ANI) June 24, 2024
2021 में पीयूष गोयल को दी गई थी जिम्मेदारी
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पीयूष गोयल मुंबई उत्तर से मैदान में उतारा था. मुंबई में पार्टी के लिए जीत दर्ज करते हुए पीयूष गोयल अब लोकसभा में प्रवेश कर चुके हैं. गोयल को 5 जुलाई 2010 को राज्यसभा सांसद चुना गया था. 14 जुलाई 2021 को उन्हें सदन का नेता घोषित किया गया था. वे 4 जून को लोकसभा सांसद चुने गए और 24 जून को निचले सदन में शपथ ली.
नड्डा गुजरात से हैं राज्यसभा के सदस्य
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं. वहीं, नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के साथ ही केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं. वह स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे हैं. नड्डा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के हैं, उनका जन्म बिहार में हुआ है और वर्तमान में वह गुजरात से राज्यसभा के सदस्य हैं.
लोकसभा में पीएम मोदी ने ली शपथ
इससे पहले 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की पहली बैठक सोमवार को शुरू हुई. जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ ही अन्य नवनिर्वाचित सदस्यों ने सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली. कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही शुरू कराई और सदस्यों को शपथ दिलाई.
‘मोदी मोदी’ और ‘जय श्री राम’ के नारे
कार्यवाही शुरू होते ही सदन के नेता होने के नाते मोदी ने सबसे पहले शपथ ली. इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ‘मोदी मोदी’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए. प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण करते समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी सदस्य अपने स्थानों पर संविधान की प्रति लेकर खड़े थे. जब गृह मंत्री अमित शाह शपथ लेने आए तब भी विपक्षी सदस्यों ने संविधान की प्रति अपने हाथ में ले रखी थी, हालांकि इस दौरान वे अपने स्थानों पर बैठे हुए थे.