NEET पेपर लीक के मास्टरमाइंड JE सिकंदर यादवेंदु को हुई जेल, परिजन ने लगाया फंसाने का आरोप
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NEET पेपर लीक के मास्टरमाइंड JE सिकंदर यादवेंदु को हुई जेल, परिजन ने लगाया फंसाने का आरोप

NEET Paper Leak Case: आरोपी सिकंदर के परिजनों ने बताया कि सिकंदर ने बिथान के पीएसपी हाई स्कूल से 1984 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. उसने इस परीक्षा में इलाके में टॉप किया था. जिसके बाद रांची में आगे की पढ़ाई की थी. वर्तमान में वो जेई के पद पर कार्यरत है. 

नीट पेपर लीक के मास्टरमाइंड JE सिकंदर यादवेंदु को हुई जेल

NEET Paper Leak Case: नीट (NEET) पेपर लीक मामले को लेकर पूरे देश में स्टूडेंट्स प्रदर्शन कर रहे हैं. बिहार में इस मामले की जांच EOU कर रही है. EOU ने अब तक दर्जन भर से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. अब पेपर लीक मामले के तार समस्तीपुर से जुड़े पाए गए हैं. पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड सिकंदर प्रसाद यादवेन्दु का नाम सामने आया है. आरोपी को पुलिस ने हिरासत ले लिया है. आरोपी बिथान प्रखंड के पुसहो गांव के रहने वाला है. गिरफ्तारी के बाद जी न्यूज की टीम सिकंदर के पैतृक गांव पुसहो पहुंची. जहां आरोपी के परिजनों ने कहा कि प्रशासन की ओर से सिकंदर यादवेन्दु को झूठा फंसाया जा रहा है.

सिकंदर के परिजनों ने बताया कि सिकंदर ने बिथान के पीएसपी हाई स्कूल से 1984 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. उसने इस परीक्षा में इलाके में टॉप किया था. जिसके बाद रांची में आगे की पढ़ाई की थी. वहां डिप्लोमा करने के बाद वर्ष 2011- 12 के करीब नौकरी में वापस आया. वर्तमान में वो जेई के पद पर कार्यरत है. गांव में उसके बड़े भाई का परिवार रहता है. उसके परिवार और आस पास के लोगों का कहना है कि वह पिछले 4 वर्षों से गांव नहीं आया है. मीडिया के माध्यम से ही उन लोगों को इस केस की जानकारी मिल रही है. परिजनों का कहना है कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है.

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उधर इस केस के तार रोहतास जिला के नोखा से भी जुड़ गए हैं. जांच टीम ने रोहतास जिले के गढ़नोखा के रहने वाले चंद्रमा सिंह के बेटे बिट्टू कुमार (38 वर्ष) को हिरासत में लिया है. परिवार के लोगों का कहना है कि बिट्टू पढ़ा-लिखा नहीं है और कई सालों से पटना में ड्राइवर का काम करता है. ऐसे में जिसकी गाड़ी वह चलता था, उसका नीट पेपर मामले में क्या संलिप्तता है, जिससे गांव के लोग अनभिज्ञ हैं. उसके बच्चे तथा परिवार के लोग गांव में ही हैं. गांव के लोगों का कहना है कि NEET पेपर जैसे मामले के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. 

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