झारखंड के मधुपुर (Madhupur) सीट पर हुए उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के उम्मीदवार हफीजुल हसन (Hafizul Hassan) को जीत मिली है. हफीजुल से पहले इस सीट से उनके पिता व झारखंड सरकार में मंत्री हाजी हुसैन अंसारी (Haji Hussain Ansari) यहां से विधायक थे.
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Madhupur: झारखंड के मधुपुर (Madhupur) सीट पर हुए उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के उम्मीदवार हफीजुल हसन (Hafizul Hassan) को जीत मिली है. हफीजुल से पहले इस सीट से उनके पिता व झारखंड सरकार में मंत्री हाजी हुसैन अंसारी (Haji Hussain Ansari) यहां से विधायक थे. उनके निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें जेएमएम उम्मीदवार को सफलता मिली है.
इस सीट से हफीजुल हसन की जीत पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव (Rameshwar Oraon) ने कहा, "यह झारखंड सरकार के बेहतर कार्यों और नीतियों की जीत है." वहीं, उन्होंने ये जरूर माना कि इस सीट पर कांटे की टक्कर रही.
इसके अलावा, गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि पहले बेरमो फिर दुमका और अब मधुपुर के उपचुनाव में भी जीत के बाद प्रदेश में महागठबंधन के दलों ने उप-चुनाव में जीत की हैट्रिक बना ली है.
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उन्होंने कहा कि सबसे पहले आम चुनाव और फिर अब उपचुनाव में भी बेहतर प्रदर्शन का सेहरा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सर सज रहा है तो भारतीय जनता पार्टी को यह रास नहीं आ रहा है.
दरअसल, एक तरफ जहां बंगाल, असम सहित विभिन्न राज्यों के चुनाव नतीजों पर सबकी नजर थी, वहीं झारखंड के मधुपुर में हुए उपचुनाव के परिणाम पर भी पूरे झारखंड के लोगों की नजर थी. ऐसा इसलिए क्योंकि इस चुनाव में कई प्रतिष्ठित नेताओं के साख दांव पर लगे हुए थे.
चुनाव के दौरान कई वादे और दावे देखने को मिले. यहां तक कि परिणाम के बाद राज्य में नई राजनीतिक समीकरण की भी बात हुई है. लेकिन, मधुपुर में मिली जीत के साथ ही प्रदेश में तीन उप-चुनावों में लगातार मिली हैट्रिक जीत के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा बेहद उत्साहित है.
जेएमएम के गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि उपचुनाव का यह परिणाम स्थापित करता है कि झारखंड में नेता का कोई चेहरा है तो सिर्फ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन है और यहां की जनता उनके नेतृत्व को स्वीकार कर चुकी है.
मधुपुर में झारखंड मुक्ति मोर्चा की जीत पर भारतीय जनता पार्टी के नेता सीपी सिंह का कहना है कि पिछले चुनाव में हाजी हुसैन अंसारी साहब को 23000 के अंतर से जीत मिली थी. लेकिन, इस बार वह अंतर 5000 पर आकर सिमट गया है. इसीलिए अगर जनता को मुख्यमंत्री पर इतनी विश्वसनीयता होती तो जीत का अंतर बढ़ता ना कि कम होता. साथ ही भाजपा नेता सीपी सिंह ने यह भी कहा कि इस जीत के बाद अगर कोई अपनी पीठ थपथपा रहे हैं तो यह स्वाभाविक भी है जीत तो जीत होती है.