पासपोर्ट बनाने के लिए पुलिस लेती है वेरिफिकेशन के लिए 10-15 दिन का समय, लेकिन रांची में 26 दिन, जानें वजह
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पासपोर्ट बनाने के लिए पुलिस लेती है वेरिफिकेशन के लिए 10-15 दिन का समय, लेकिन रांची में 26 दिन, जानें वजह

देश भर में जहां पासपोर्ट के पुलिस वेरिफिकेशन का औसत 10-15 दिनों का है. वहीं राजधानी रांची में इसका औसत 26 दिनों का है. जबकि पासपोर्ट के पुलिस वेरिफिकेशन के लिए 21 दिनों का समय दिया गया है. 

पासपोर्ट बनाने के लिए पुलिस लेती है वेरिफिकेशन के लिए 10-15 दिन का समय, लेकिन रांची में 26 दिन, जानें वजह

रांचीः देश भर में जहां पासपोर्ट के पुलिस वेरिफिकेशन का औसत 10-15 दिनों का है. वहीं राजधानी रांची में इसका औसत 26 दिनों का है. जबकि पासपोर्ट के पुलिस वेरिफिकेशन के लिए 21 दिनों का समय दिया गया है. हालांकि इस समय को अब और भी कम किया जा रहा है और 15 दिनों के भीतर ही पुलिस वेरिफिकेशन का समय दिया गया है. ताकि लोगों को कम परेशानी का सामना करना पड़े. इसे लेकर आज पासपोर्ट में पुलिस वेरिफिकेशन के लिए एक कार्यशाला का आयोजन रांची पुलिस लाइन में किया गया है. 

पासपोर्ट वेरिफिकेशन में लग रहा ज्यादा वक्त
दरअसल बता दें कि पासपोर्ट विदेश जाने के लिए दिया गया वो दस्तावेज है. जिसमें सरकार के द्वारा किसी को विदेश जाने की परमिशन दी जाती है. वर्तमान समय में काफी संख्या में लोग एक देश से दूसरे देश में मूव करते है, चाहे वो काम के सिलसिले में हो या फिर शिक्षा को लेकर. जिस कारण काफी संख्या में पासपोर्ट बनाने को लेकर लोग आवेदन देते है. सारी चीजें ऑनलाइन होने के कारण जहां अब आवेदन करने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं होती, लेकिन पुलिस वेरिफिकेशन एक ऐसा प्रोसेस है जो मैनुअल होता है और इसे देखते हुए इसमें 21 दिनों का समय दिया गया है. लेकिन इससे भी ज्यादा वक्त पासपोर्ट वेरिफिकेशन में लग रहा है जो चिंता का सबब है. जिसे देखते हुए इस वर्कशॉप का आयोजन किया गया. जिसमे कार्य को कैसे आसान बनाया जाए. 

कार्यशाला का  हुआ आयोजन
इस मामले की जानकारी देते हुए पासपोर्ट ऑफिस के अधिकारी बताती है कि राजधानी रांची में प्रतिदिन औसत 350 से 400 पासपोर्ट पुलिस वेरिफिकेशन के लिए आते है, जो वर्तमान समय में उतना ज्यादा नहीं बावजूद समय का ज्यादा लगना थोड़ा चिंता का सबब है. वहीं पासपोर्ट में तय समय सीमा से भी ज्यादा समय लगना एक चिंता का सबब है और उसे वरीय पुलिस अधिकारी भी मानते है. जिसे देखते हुए ही इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है. ताकि जो समस्याएं है उसे दूर किया जा सके.

बहरहाल पासपोर्ट का वेरिफिकेशन में आने की देरी की सबसे बड़ी वजह क्रिमिनल केस का पूरी तरह ऑनलाइन न होना भी है और कहीं न कहीं कंप्यूटर की कमी भी होना है. जिसे लेकर कार्य करने की जरूरत है और इस पर सरकार को ध्यान देना होगा.
इनपुट-कामरान जलीली

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