Sammed Shikhar: पारसनाथ में शांति बनाने में जुटा प्रशासन, ईको टूरिज्म की गतिविधियों पर मंत्रालय ने लगाई रोक
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Sammed Shikhar: पारसनाथ में शांति बनाने में जुटा प्रशासन, ईको टूरिज्म की गतिविधियों पर मंत्रालय ने लगाई रोक

इस मामले को लेकर सबसे पहले दिवासी समाज ने सरकार के इस निर्णय का विरोध शुरू कर दिया. इन लोगों का कहना है कि पारसनाथ को मारंग बुरु कहते हैं. उनका कहना है कि सरकार ने उनकी अनदेखी की है.

Sammed Shikhar: पारसनाथ में शांति बनाने में जुटा प्रशासन, ईको टूरिज्म की गतिविधियों पर मंत्रालय ने लगाई रोक

रांची: Sammed Shikhar: पारसनाथ में जैन धर्म के आंदोलन के बाद प्रशासन शांति बानने में जुटा हुआ है. इधर,  पर्यावरण मंत्रालय ने भी पारसनाथ में ईको टूरिज्म की गतिविधियों पर रोक लगा दी है. हालांकि जैन धर्म के सदस्यों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है. साथ ही जैन धर्म के लोग सरकार के निर्णय का स्वागत भी कर रहे हैं. पारसनाथ में स्थित पहले से बेहतर है. 

इन लोगों ने सरकार का शुरू किया विरोध
बता दें कि इस मामले को लेकर सबसे पहले दिवासी समाज ने सरकार के इस निर्णय का विरोध शुरू कर दिया. इन लोगों का कहना है कि पारसनाथ को मारंग बुरु कहते हैं. उनका कहना है कि सरकार ने उनकी अनदेखी की है.आदिवासी समाज व स्थानीय लोगों ने इसको लेकर आंदोलन की रणनीति भी बना ली है. इससे यहां पर टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. सही निर्णय नहीं लिया गया तो हालात बिगड़ सकते है.

दोनों पक्षों में सहयोगात्मक कार्य को लेकर हुई बैठक
बता दें कि पारसनाथ में विवाद के बाद रविवार को दोनों पक्षों के लोगों के साथ मुधबन स्थित गेस्ट हाउस में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में विधायक सुदिव्य कुमार, डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी अमित रेणु, अपर समाहर्ता विल्सन वेंगरा की मौजूदगी में हुई. बैठक में जैन समाज और ट्रस्ट के प्रतिनिधि, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्थानीय संथालियों और गैर संथालियों के बीच वार्ता हुई. इस दौरान दोनों पक्षों ने अपनी बातें रखीं. साथ ही बता दें कि दोनों पक्षों ने कहा कि जिस तरह का सहयोगात्मक कार्य पूर्व होता आ रहा था, ठीक वैसे ही आगे भी चलता रहेगा. अब जैन तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी होनी चाहिए और न ही संथाल समुदाय के लोगों को मरांग बुरु तीर्थस्थल पर जाने में कोई परेशानी होनी चाहिए. इस सब निर्णय पर दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी. 

सरकार के निर्देश पर दोनों पक्षों में बनी सहमति
बता दें कि बैठक में दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई है. अब  नए नियम जैन समाज की तरफ से नहीं लगाये जाएंगे और न ही किसी तरह का प्रतिबंध संथालों की तरफ से होगा. साथ ही पूर्व की तरह दोनों ही अपने अपने तीर्थस्थल और धार्मिक रीति रिवाज और परंपरा का सम्मान करेंगे. इसके अलावा बैठक में विधायक के सुझाव पर अब एसडीओ की अध्यक्षता में अनुमंडल स्तर की कमिटी बनाने का निर्णय लिया गया.

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