Jharkhand Monsoon: मानसून में हुआ लेट तो रांची में मचेगा त्राहिमाम, रुक्का डैम में मात्र 25 दिन का पानी
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Jharkhand Monsoon: मानसून में हुआ लेट तो रांची में मचेगा त्राहिमाम, रुक्का डैम में मात्र 25 दिन का पानी

Jharkhand Monsoon: झारखंड में इस बार मानसून देरी से आने वाला है. तेज धूप और गर्म हवाओं ने लोगों को घर के अंदर रहने पर मजबूर कर दिया है. वहीं इस गर्मी में राजधानी रांची  के डैमों (Dam) का जलस्तर भी तेजी से घट रहा है.

Jharkhand Monsoon: मानसून में हुआ लेट तो रांची में मचेगा त्राहिमाम, रुक्का डैम में मात्र 25 दिन का पानी

रांची:Jharkhand Monsoon: झारखंड में इस बार मानसून देरी से आने वाला है. तेज धूप और गर्म हवाओं ने लोगों को घर के अंदर रहने पर मजबूर कर दिया है. वहीं इस गर्मी में राजधानी रांची  के डैमों (Dam) का जलस्तर भी तेजी से घट रहा है. हालात यह है कि रांची की 80% आबादी को पानी पिलाने वाला रुक्का डैम भी अब सूखने के कगार पर है. रुक्का डैम में अब सिर्फ 3.5 फीट ही पीने योग्य पानी बचा है. बता दें कि रांची में रोजाना करीब 40 मिलियन गैलन पानी डैम से आपूर्ति होती है. इसी तरह अगर पानी की आपूर्ति हुई तो अब रुक्का डैम से सिर्फ 25 दिन तक ही राजधानी के लोगों की प्यास बुझाई जा सकती है. 20 जून तक अगर झारखंड में मानसून नहीं पहुंचा तो राशनिंग की नौबत भी आ सकती है और राजधानी में पानी के लिए त्राहिमाम मचेगा.

वहीं गोंदा डैम का जलस्तर भी तेजी से घटते हुए 17 फीट पर पहुंच गया है. यहां से राजधानी में हर रोज करीब 4 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती है यानी गोंदा डैम में करीब 40 दिन का पानी बचा है. वहीं हटिया डैम की स्थिति फिलहाल ठीक है.  21 मई को यहां का जलस्तर 28 फीट था, जो पिछले साल के मुकाबले मात्र दो फीट कम है. हर रोज यहां से 8 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती है. यहां करीब 3 महीने का पानी बचा हुआ है. बता दें कि, रुक्का डैम में जलस्तर घटने के साथ ही चारों तरफ जलकुंभी भी फैल गई है. जो अब सड़ने लगा है. जिससे पानी की गुणवत्ता काफी खराब हो गई है. 

टाउन लाइन, रातू रोड और जिला स्कूल पंप में जो पानी पहुंच रहा है, उसका रंग पीला होने के साथ साथ पानी से दुर्गंध भी आ रही है. इसके बावजूद लागों को ये  पानी पीना मजबूरी बनी हुई है. वहीं तापमान में लगातार हो रहे बढ़ोतरी के चलते शहर के कई तालाब सूख गए हैं. राजधानी के 60 प्रतिशत तालाबों का पानी तलहटी में पहुंच गया है. तालाबों में पानी रहने से उसके आसपास के क्षेत्रों में भू-गर्भ जल स्तर की स्थिति अच्छी रहती थी, लेकिन तालाब सूखने की वजह से इस बार भू-गर्भ जल स्तर काफी नीचे चला गया है.

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