Commonwealth Games 2022: झारखंड ने बनाया शानदार 'रिकॉर्ड', खिलाड़ियों का ऐसे होगा स्वागत
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Commonwealth Games 2022: झारखंड ने बनाया शानदार 'रिकॉर्ड', खिलाड़ियों का ऐसे होगा स्वागत

इस बार कॉमनवेल्थ में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया.  22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज के साथ कुल 61 मेडल भारत की झोली में आए.

सभी खिलाड़ी किसी न किसी मेडल के साथ अपनी धरती पर लौट रहे हैं.

रांची: Commonwealth Games 2022: कॉमनवेल्थ गेम 2022 में झारखंड के हिस्से में भी एक शानदार 'रिकॉर्ड' आया है. इस गेम्स में भाग लेने गये भारतीय दल में झारखंड के आठ खिलाड़ी हैं और ये सभी किसी न किसी मेडल के साथ अपनी धरती पर लौट रहे हैं. 

स्वागत की तैयारी शुरू
किसी के गले में गोल्ड तो किसी के गले में सिल्वर और ब्रांज मेडल होगा. झारखंड में इन खिलाड़ियों के लौटने का बेसब्री से इंतजार हो रहा है. यहां उनके स्वागत की जोरदार तैयारियां शुरू हो गयी हैं.

इस बार कॉमनवेल्थ (Commonwealth Games 2022) में भारत की ओर से भाग लेनेवाली लॉन बॉल की महिला और पुरुष टीमों में कुल 10 खिलाड़ी हैं और इनमें से पांच अकेले झारखंड से हैं. इनमें रूपा रानी तिर्की, लवली चौबे, सुनील बहादुर, चंदन कुमार सिंह और दिनेश कुमार शामिल हैं. लॉन बॉल की महिला टीम के हिस्से गोल्ड आया है तो पुरुष टीम ने सिल्वर जीता है. 

लवली चौबे और रूपा रानी पूर्व में भी कॉमनवेल्थ में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी थीं, पर दोनों पहली बार विमेंस-4 की ओर से खेलते हुए गोल्ड की हकदार बनीं. इससे पहले लॉनबॉल में एक भी पदक देश को नहीं मिला था.

भारतीय मेन्स टीम के लिए भी यह पहला मेडल
इसी तरह मेंस-4 में भारतीय टीम में शामिल झारखंड के तीन खिलाड़ियों सुनील बहादुर, चंदन कुमार सिंह और दिनेश कुमार को सिल्वर मेडल पहनने का गौरव हासिल हुआ. कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में भारतीय मेन्स टीम के लिए भी यह पहला मेडल है.

हॉकी में झारखंड की तीन खिलाड़ी
महिला हॉकी टीम में झारखंड की तीन खिलाड़ी थीं- सलीमा टेटे, निक्की प्रधान और संगीता कुमारी. इनमें से सलीमा टेटे और निक्की टोक्यो ओलंपिक में भाग लेनेवाली भारतीय टीम में भी शामिल थीं. 

इस बार महिला हॉकी टीम में न्यूजीलैंड को हराकर ब्रॉन्ज जीता. इसमें भारत की ओर से पहला गोल झारखंड की सलीमा टेटे ने ही किया था. इस पूरी प्रतियोगिता में उन्होंने तीन गोल किये, जबकि संगीता कुमारी ने एक गोल किया. टीम की डिफेंडर के तौर पर निक्की प्रधान का प्रदर्शन भी शानदार रहा.

घर पहुंचने की जल्द चाहत
सलीमा टेटे ने कहा कि सेमीफाइनल मुकाबले में अगर रेफरी ने गलत फैसला न दिया होता तो बहुत मुमकिन है कि आज हमारे पदक का रंग गोल्डेन होता. फिर भी हमें खुशी है कि हम मेडल के साथ लौट रहे हैं. हम जल्दी से जल्दी अपने घर पहुंचना चाहते हैं.

(आईएएनएस)

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