बिहार और झारखंड में छठ का विशेष महत्व होता है. वहीं, छठ के इस मौके पर सभी जिलों के बाजार सज गए हैं. लोहरदगा जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बाजार छठ पूजा के लिए सज चुके हैं.
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Lohardaga: पूरे देश भर में छठ पूजा को लेकर तैयारियां चल रही हैं. छठ पूजा के त्योहार की शुरुआत 28 अक्टूबर से हो चुकी हैं. जगह-जगह घाट सजाएं जा रहे हैं. छठ का त्योहार हर साल दिवाली के चार दिन बाद मनाया जाता है. छठ का महापर्व चार दिनों तक चलता है. इसमें 36 घंटे का निर्जला व्रत किया जाता है. बिहार और झारखंड में छठ का विशेष महत्व होता है. वहीं, छठ के इस मौके पर सभी जिलों के बाजार सज गए हैं. लोहरदगा जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बाजार छठ पूजा के लिए सज चुके हैं.
नहाय-खाय से शुरू हुआ छठ का पर्व
28 अक्टूबर को देशभर में छठ का पहला दिन मनाया गया था. इस दिन नहाय खाय का अनुष्ठान किया जाता है. छठ के महापर्व को लेकर श्रद्धालुओं और छठ व्रतियों में उत्साह दिखाई दे रहा है. राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में छठ को लेकर बाजार सज चुके हैं. छठ मैया के अर्घ्य आराधना के लिए सभी बाजारों में ताजे फल सज गए हैं. दरअसल, नए और ताजे फलों से सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है.
सूर्य भगवान के 12 नामों से देते हैं अर्घ्य
वहीं, आचार्य चंद्रशेखर मिश्र बताते हैं कि सूर्य भगवान के 12 नामों से छठ व्रती अर्घ्य देते हैं. छठ महापर्व को लेकर सभी फल और नई उत्पादित हल्दी, अदरक, मूली, मटर के साथ आदि चीजों के साथ भगवान को अर्घ्य देकर छठी मैया का आशीर्वाद लिया जाता है. छठव्रति महापर्व में कई प्रकार के फलों से अर्घ्य देकर फलाफल अर्जित करती हैं. इस लोक आस्था के महापर्व से लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.