Bihar News: किशनगंज रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सेहत से खिलवाड़, बिक रहा है एक्सपायर्ड पानी
Advertisement

Bihar News: किशनगंज रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सेहत से खिलवाड़, बिक रहा है एक्सपायर्ड पानी

Bihar News: किशनगंज रेलवे प्लेटफार्म पर यात्रियों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. प्लेटफार्म के स्टॉल पर बोतलबंद पानी के नाम पर मौत बिक रही है.

Bihar News: किशनगंज रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सेहत से खिलवाड़, बिक रहा है एक्सपायर्ड पानी

किशनगंजः बिहार के किशनगंज रेलवे प्लेटफार्म पर यात्रियों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. प्लेटफार्म के स्टॉल पर बोतलबंद पानी के नाम पर मौत बिक रही है. जांच के नाम पर रेलवे प्रशासन सवालों के घेरे में है. यात्रियों के मुताबिक रेलवे प्रशासन के संरक्षण में बगैर बीआईएस प्रमाणपत्र वाला पानी बिक रहा है.

यात्रियों के शिकायत पर जब जी मीडिया के द्वारा किशनगंज प्लेटफार्म संख्या एक-दो के स्टॉल में रियलिटी टेस्ट किया गया तो बीआईएस प्रमाणपत्र डेट एक्सपायरी वाले बोतलबंद पानी बिकते नजर आये. यहां तक कि रेलवे पटरियों के आस पास भी बोतलबंद पानी का स्टॉक रखा हुआ था. जीवन नामक बोतल बंद पानी जो खुश्की बाग पूर्णिया से निर्मित है. स्टेशन के स्टॉल में बिकते पाए गए. जब पानी की बोतलों में अंकित बीएसआई प्रमाणपत्र नम्बरों को मोबाइल एप्प के माध्यम से सर्च किया गया तो वो 23 जून 2023 को एक्सपायर हो चुका था. लेकिन सवाल के घेरे में रेल प्रशासन भी है, जो मानकता के अनुरूप खड़ा नहीं उतर रहा. ऐसी कंपनी को रेल प्रशासन से पानी बेचने के लिए स्वीकृति कैसे मिल गयी जो जांच के घेरे में है.

यात्रियों के मुताबिक बगैर प्रमाणिकता के बोतलबंद पानी बिकने से ना सिर्फ रेलवे यात्री के सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, बल्कि सरकार को भी राजस्व में क्षति पहुंचाया जा रहा है. हालांकि इसकी जानकारी रेलवे के उच्च अधिकारी से लेकर सभी पदाधिकारियों व आरपीएफ को भी है, लेकिन इसके बावजूद दोनों प्लेटफॉर्म पर धड़ल्ले से यह पानी बिक रहा है जो जांच का विषय है. 

वहीं बगैर मानक के बोतलबंद पानी बेचने वाले स्टॉल संचालक से पूछने पर उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन के सभी दुकानों में ये पानी बिक रहा है. उन्होंने बताया कि रेलवे प्रशासन के द्वारा इस तरह का पानी बेचने पर कोई रोक टोक नहीं की जाती है. वहीं कटिहार रेल प्रमंडल के रेलवे कमर्शियल मैनेजमेंट इंस्पेक्टर पुष्पेंद्र कुमार से पूछने पर पहले तो भागते नजर आए, फिर उन्होंने कहा कि जीवन पानी को रेलवे के स्टॉल में भेजने की स्वीकृति दी गयी है, लेकिन बीआईएस प्रमाणपत्र फेल के सवाल पर जानकारी नहीं होने की बात कह रहे है. जब मामले को लेकर किशनगंज रेलवे स्टेशन के स्टेशन मैनेजर दीपक कुमार से संपर्क साधने की कोशिश की गई तो उनके चेंबर के बाहर ताला लटकते नजर आया.

क्या है? BIS प्रमाण पत्र
आम जन की सेहत और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार की ओर से भारतीय मानक ब्यूरो के अंतर्गत अनिवार्य पंजीकरण योजना लागू की गई है. जिसमें पानी की पैकिंग कर बिक्री करने के लिए बीआईएस से प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होता है. बीआईएस सर्टिफिकेट हासिल करने वाली कंपनियां अपने प्रोडक्ट पर आईएसआई (ISI) का निशान लगाती हैं. इस निशान से उनकी प्रमाणिकता बढ़ जाती है.

इनपुट- अमित

यह भी पढ़ें- हार का साइड इफेक्ट, I.N.D.I.A की बैठक भी नहीं करवा पा रही कांग्रेस

Trending news