बिहार के किशनगंज के बाद अररिया में भी सरकारी स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी, मचा बवाल
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बिहार के किशनगंज के बाद अररिया में भी सरकारी स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी, मचा बवाल

झारखंड के सरकारी स्कूलों में रविवार की बजाए शुक्रवार की छुट्टी और स्कूलों के नाम के साथ उर्दू जोड़े जाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि ये बवाल झारखंड की सीमा से निकलकर बिहार के सीमांचल क्षेत्र के किशनगंज और फिर अररिया तक पहुंच गया है. किशनगंज के बाद अररिया से भी आया शुक्रवार को वि

बिहार के किशनगंज के बाद अररिया में भी सरकारी स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी, मचा बवाल

अररिया : झारखंड के सरकारी स्कूलों में रविवार की बजाए शुक्रवार की छुट्टी और स्कूलों के नाम के साथ उर्दू जोड़े जाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि ये बवाल झारखंड की सीमा से निकलकर बिहार के सीमांचल क्षेत्र के किशनगंज और फिर अररिया तक पहुंच गया है.

किशनगंज के बाद अररिया से भी आया शुक्रवार को विद्यालय बंद होने का मामला
बिहार के अररिया जिले के फारबिसगंज शहरी क्षेत्र के चार सरकारी हिंदी विद्यालयों में नियमों को ताक पर रखकर रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी का मामला प्रकाश में आया है. ऐसे में बिना किसी आदेश के रविवार की बजाए शुक्रवार के दिन छुट्टी होना काफी आश्चर्य का विषय है.

विद्यालय के शिक्षक बता रहे हैं पहले से चली आ रही है यह परंपरा
बता दें कि शुक्रवार की छुट्टी को लेकर कोई सरकारी आदेश नहीं होने के बाद भी पूर्व से चली आ रही परंपरा का पालन करने की बात विद्यालय के शिक्षक और प्रधानाध्यापक कर रहे हैं और विद्यालय को शुक्रवार के दिन बंद रख रहे हैं. सरकारी विद्यालयों को मदरसा मॉड्यूल के तर्ज पर चलाने को लेकर अब विवाद भी खड़ा होने लगा है. 

केवल फारबिसगंज शहरी क्षेत्र में ही ऐसे चार स्कूल, गांवों में कितनी है संख्या ये जांच का विषय
खबर की मानें तो फारबिसगंज शहरी क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय जे एन पथ , प्राथमिक विद्यालय दसआना कचहरी , प्राथमिक विद्यालय दल्लू टोला और प्राथमिक विद्यालय पोखर बस्ती अलग ही नियम से चल रहे हैं. यहां बिना किसी सरकारी आदेश के बच्चों को गुरुवार को आधे दिन पढ़ाया जाता है और शुक्रवार को विद्यालय पूर्णतः बन्द रहता है. जबकि शनिवार और रविवार को विद्यालय खुला रहता है. इन विद्यालयों में साप्ताहिक बंदी को लेकर कोई रिकॉर्ड भी नहीं है, सिर्फ शहरी क्षेत्र में ही इस तरह के चार विद्यालय हैं. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी संख्या दर्जनों में है. 

इस आदेश को लेकर स्कूल के प्रधानाध्यापकों की मानें तो हमारा विद्यालय गुरुवार को हाफ डे तक चलता है और शुक्रवार की छुट्टी रहती है, सरकारी आदेश के बारे में पता नहीं है. यह परंपरा तो पिछले कई वर्षों से चली आ रही है. 

वहीं एक और स्कूल के प्रधानाध्यापक की मानें तो विद्यालय रोजाना 9 बजे से 4 बजे तक चलता है, शुक्रवार को विद्यालय में छुट्टी रहती है और रविवार को विद्यालय खुला रहता है. शुक्रवार को विद्यालय बन्द रखने का सरकारी आदेश है या नहीं ये तो नहीं पता लेकिन यह परंपरा दशकों से चली आ रही है. 

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वहीं एक विद्यालय की शिक्षिका ने बताया कि शुक्रवार को विद्यालय बंद रहता है औरशुरुआत से ही ऐसा होता आया है. इसलिए अभी भी यह नियम चल रहा है. 

वहीं एक प्रिंसिपल ने तो यह भी बताया कि गुरुवार को आधे दिन के लिए विद्यालय लगता है और शुक्रवार को विद्यालय बंद रहता है. उसके बदले शनिवार और रविवार को विद्यालय खुला रहता है. ऐसे में इन सभी प्रधानाध्यापकों को पता नहीं है कि स्कूल के आधा दिन चलाने और शुक्रवार की छुट्टी का आदेश किसकी तरफ से दिया गया है और यह आदेश कब से लागू है. 

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