Bihar News: आज तक विधायक-सांसद का चेहरा नहीं देख पाए हैं इस गांव के लोग!
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Bihar News: आज तक विधायक-सांसद का चेहरा नहीं देख पाए हैं इस गांव के लोग!

Bihar News: ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के वक्त नेता वोट मांगने तो आते है और विकास के वादे करते है और चुनाव जीत जाने के बाद जनता से किये वादे भूल जाते है. ग्रामीण बताते है कि आज तक सांसद और विधायक को देखा ही नहीं है.

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Bihar News: बिहार के मुखिया नीतीश कुमार बिहार में विकास की लाख दावे करें, लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि किशनगंज जिले के बहादुरगंज प्रखंड स्थित महेशबथन पंचायत के पहटगांव आज भी विकास की रोशनी से कोसों दूर है. सैकड़ों की आबादी वाले इस गांव के स्कूली छात्र-छात्राओं को शिक्षा से जोड़ने के लिए गांव में प्राथमिक स्कूल तो है, लेकिन नदी के उस पार स्कूल होने और नदी में आजादी के 76वां वर्ष पूरे होने के बाबजूद पुल निर्माण नहीं होने से जान हथेली पर रखकर छोटे- छोटे स्कूली बच्चों को हर रोज पैदल नदी को पार करके स्कूल आना -जाना पड़ता हैं, जिससे कपड़ा तो गिला हो जाता है, बच्चे बीमार भी पड़ जाते है. पानी के डर से इस स्कूल में पढ़ने वाले आधे से ज्यादा बच्चे स्कूल ही नहीं जाते है. ऐसे में इस गांव के सैकड़ों बच्चों का भविष्य दांव पर लग चुका है. सबसे हैरत की बात तो ये है कि यहां के लोगों ने अपने सांसद और विधायक का चेहरा भी नहीं देखा है.

दरअसल, एक तरफ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के द्वारा सरकारी स्कूलों को चुस्त दुरुस्त करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ सौ फीसदी बच्चों की उपस्थिति करने के लिए लगातार निर्देश दिया जा रहा है. बावजूद इस स्कूल में बच्चों की उपस्थिति तो दूर शिक्षा विभाग के अधिकारी निरीक्षण भी करने भी नहीं पहुंचते हैं.

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छात्र नीतीश कुमार का कहना है कि नदी में एक कमर पानी होने की वजह से स्कूल जाने और वापस घर लौटने के क्रम में स्कूल यूनिफॉर्म गिला हो जाता है. नदी में पानी के डर से बच्चे स्कूल नहीं आते है. मात्र दस से बारह बच्चे ही स्कूल आते है. बारिश के मौसम में स्कूल में ताला लटकता नजर आता है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव और स्कूल के बीच डोकरा नदी बहती है, नदी पर पुल नहीं बनने से ग्रामीणों के साथ-साथ स्कूली बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के वक्त नेता वोट मांगने तो आते है और विकास के वादे करते है और चुनाव जीत जाने के बाद जनता से किये वादे भूल जाते है. ग्रामीण बताते है कि आज तक सांसद और विधायक को देखा ही नहीं है.

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इस मामले को लेकर जब किशनगंज के जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला से पूछा गया, तो उन्होंने जल्द पुल निर्माण करवाने की बात की. लेकिन कैमरे में बोलने से बचते दिखे. वहीं, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रेणु कुमारी ने कहा कि भौतिक सत्यापन के बाद वस्तुस्थिति से विभाग को अवगत करवाया जायेगा. उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी. खैर, आप इस गांव की हालत से आंदाजा लगा सकते हैं कि जिस गांव के लोग अपने विधायक और सांसद को ही नहीं देख पाते हैं, तो उस गांव में विकास कैसा होगा?

बता दें कि किशनगंज के कांग्रेस सांसद डॉ. मुहम्मद जावेद आज़ाद है और बहादुरगंज विधानसभा से राजद के विधायक है. अंजार नईमी जो AIMIM की टिकट पर चुनाव जीतकर बाद में राजद का दामन थाम लिया था.

रिपोर्ट: अमित

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