Why do Earthquakes: भूकंप किसी फॉल्ट पर अचानक फिसलन वजह से आता है. टेक्टोनिक प्लेटें हमेशा धीरे-धीरे चलती हैं, लेकिन घर्षण के कारण वे अपने किनारों पर अटक जाती हैं तो भूकंप आता है.
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Why do Earthquakes Occur: भूकंप (Earthquake) आमतौर पर तब आते हैं जब भूमिगत चट्टान अचानक टूट जाती है और कंपन के साथ तेज़ गति होती है. ऊर्जा के इस अचानक निकलने से भूकंपीय तरंगें पैदा होती हैं जो जमीन को हिला देती हैं. भूकंप के दौरान और उसके बाद चट्टान की प्लेटें या ब्लॉक हिलना शुरू हो जाते हैं. वे तब तक हिलते रहते हैं जब तक कि वे फिर से चिपक न जाएं. भूमिगत वह स्थान जहां चट्टान सबसे पहले टूटती है उसे भूकंप का केंद्र या हाइपोसेंटर कहा जाता है.
हाल के दिनों में देश समेत बिहार में भूकंप (Earthquake) की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है. धरती सात टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है. ये प्लेटें लगातार अपनी जगह पर घूमती रहती हैं. हालांकि, कभी-कभी इनके बीच टकराव या घर्षण होता है. यही वजह है कि हमें भूकंप का अनुभव होता है.
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का अंदाजा कैसे लगाया जा सकता है?
दरअसल, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता के बारे में 0 से 1.9 सीस्मोग्राफ से जानकारी मिलती है. 2 से 2.9 बहुत कम कंपन का पता चलता है. 3 से 3.9 ऐसा लगेगा जैसे कोई भारी वाहन गुजरा हो, ऐसा महसूस होता है. 4 से 4.9 घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिरने लगता है. इतना ही नहीं 5 से 5.9 भारी सामान और फर्नीचर भी हिलने लगता है.
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वहीं, 6 से 6.9 इमारत का बेस दरक जाता है. जब 7 से 7.9 का भूकंप (Earthquake) आता है तो इमारतें गिर सकती हैं. सबसे हम बात ये है कि जब 8 से 8.9 सुनामी का खतरा होता है तब ज्यादा तबाही 9 या इससे ज्यादा सबसे भयंकर तबाही होती है और धरती का कंपन साफ महसूस होने लगता है.
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