बीते दिन यानी कि कल 6 जनवरी 2025 (दिन- सोमवार) को सभी की नजरें बिहार की राजधानी पटना की ओर रहीं. दिन भर खबरों के केंद्र में रहे प्रशांत किशोर आखिरकार देर शाम पुलिस हिरासत से रिहा हो गए.
कुमार अमित पटना हाई कोर्ट के जाने-माने वकील हैं. जिन्होंने सिविल कोर्ट में प्रशांत किशोर के केस की पैरवी की.
दरअसल, बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांग के समर्थन में प्रशांत किशोर आमरण अनशन पर बैठे हुए थे. आरोप था कि वह प्रतिबंधित क्षेत्र में समर्थकों के साथ बैठे हुए हैं.
PK यानी प्रशांत किशोर 2 दिसंबर 2025 से पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के पास अनशन पर बैठे हुए थे.
लगातार समझाने के बाद भी जब प्रशांत किशोर प्रतिबंधित क्षेत्र से नहीं हटे तब पटना पुलिस ने एक्शन ले लिया.
पटना पुलिस ने प्रशांत किशोर को करीब 4 बजे भोर में गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद तकरीबन 5 से 6 घंटे बाद उन्हें पटना सिविल कोर्ट में पेश किया गया.
पटना सिविल कोर्ट ने प्रशांत किशोर को शर्त के साथ 25 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दिया.
प्रशांत किशोर ने सशर्त जमानत लेने से इनकार कर दिया. जिसके बाद पुलिस पीके को लेकर जेल के लिए निकली.
सशर्त जमानत से इनकार के बाद इस केस में पटना हाई कोर्ट के वकील कुमार अमित की एंट्री हुई. जिन्होंने सिविल कोर्ट से दोबारा सुनवाई की मांग की.
कुमार अमित की कानूनी दलील पर सिविल कोर्ट की जज ने फैसले को रिवाइज्ड किया और प्रशांत किशोर को बिना शर्त जमानत दे दिया.
बिहार के मोतिहारी के रहने वाले कुमार अमित फर्स्ट अटेम्प्ट में बीपीएससी क्वालीफाई कर चुके हैं. उन्हें 46वीं बीपीएससी में सफलता मिली थी.
करीब 14 सालों तक सर्विस करने के बाद कुमार अमित ने एक्साइज ऑफिसर की नौकरी छोड़ दी. जिसके बाद उन्होंने वकालत करना शुरू कर दिया.
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