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पटना: बिहार में नई नियमावली के साथ शिक्षक बहाली की घोषणा हो गई है. आपको बता दें कि एक तरफ तो शिक्षकों की बहाली को लेकर छात्रों का संघर्ष सरकार के खिलाफ जारी है. वहीं दूसरी तरफ शिक्षक भर्ती में नई नियमावली का भी विरोध हो रहा है. बता दें कि शिक्षकों की भर्ती के लिए नयी नियमावली के तहत रिक्त पदों की गणना अभी तक हो नहीं पाई है. ऐसे में आप साफ पता लगा सकते हैं कि सरकार के निर्देश के बाद भी अधिकारी इस भर्ती को लेकर कितने सजग हैं.
बिहार सरकार की तरफ से भी जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी से 20 अप्रैल तक जिलों नें शिक्षकों के रिक्त पदों को लेकर जानकारी शिक्षा विभाग को भेजे जाने का आदेश दिया गया था लेकिन अभी तक प्रदेश के 20 जिले ही ऐसे हैं जहां से यह जानकारी सरकार को भेजी जा सकी है.
समय सीमा के बीत जाने के 48 घंटे बाद भी सभी जिलों से इसको लेकर सूचना सरकार तक नहीं मिल पाई है. शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो सभी जिलों से रविवार तक सूचना मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है. ऐसे में सोमवार को ही आधिकारिक तौर पर सभी शिक्षकों के रिक्त पदों की जानकारी शिक्षा विभाग के पास होगी. तभी शिक्षकों की नयी नियमावली के तहत भर्ती प्रक्रिया पर आगे काम हो पाएगा.
अब सरकार ने प्रदेश के 7 डीईओ के खिलाफ सख्ती बरतते हुए तय सीमा में शिक्षकों के जिले में रिक्त पदों की जानकारी मुहैया नहीं कराए जाने को लेकर एक्शन लिया है और उन्हें शो कॉज नोटिस जारी किया गया है साथ ही उनसे 24 घंटे के भीतर इस पर जवाब देने को कहा गया है. इन सात जिलों में मधुबनी, सहरसा, सीतामढ़ी, सीवान, दरभंगा, बांका और मधेपुरा के जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह नोटिस भेजा है. सरकार की तरफ से शिक्षकों के रिक्त पदों की जानकारी मुहैया नहीं कराए जाने को लेकर नाराजगी प्रकट की गई है.
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आसे में इन सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी को 24 घंटे में इस नोटिस का जवाब स्पष्टीकरण के साथ देने को कहा गया है. बता दें कि अभी तक सरकार के पास 38 में से सिर्फ 31 जिलों के ही आंकड़े पहुंच पाए हैं ऐसे में नयी नियमावली के तहत होनेवाली शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की गति धीमी पड़ गई है. अब सरकार इसको लेकर सख्त हो गई है और बाकी बचे सात जिलों के इसी वजह से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.