क्या है Aditya L 1 Mission, जिसका जिक्र PM Modi ने Chandrayaan-3 की सफलता के मौके पर किया
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क्या है Aditya L 1 Mission, जिसका जिक्र PM Modi ने Chandrayaan-3 की सफलता के मौके पर किया

First Indian Solar Mission: मिशन भारत के विज्ञान और अंतरिक्ष तंत्र क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस मिशन में "आदित्य सत्यनिष्ठता अनुप्राणित स्थानीयीकरण ट्रैकिंग सिस्टम" नामक उपकरण का उपयोग किया जाएगा. 

क्या है Aditya L 1 Mission, जिसका जिक्र PM Modi ने Chandrayaan-3 की सफलता के मौके पर किया

Aditya L1 Mission भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा प्रस्तुत किया गया एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन है.  इस मिशन का उद्देश्य है सूर्य के करीब जाकर उसकी विभिन्न प्रकार की जानकारी एकत्र करना और इससे सम्बंधित अद्वितीय विज्ञानिक डेटा प्राप्त करना है. इस मिशन का ज्रिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग के दौरान किया है. मोदी ने कहा कि अब समय आ गया है कि अब अंतरिक्ष मिशन सूर्य के पास जाने का प्रयास करेगा ताकि हम सूर्य की उपरी तापमान और सूर्य की विकिरण के विभिन्न पहलुओं को समझ सकें.

मोदी ने 'Aditya L1 Mission' का किया जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग के दौरान "आदित्य एल-1" मिशन का जिक्र किया है. इस मिशन का उद्देश्य है सूर्य के करीब जाकर उसकी विभिन्न प्रकार की जानकारी एकत्र करना और इससे सम्बंधित अद्वितीय विज्ञानिक डेटा प्राप्त करना. आदित्य एल-1 मिशन का नाम सूर्य के दिव्यता देवता "आदित्य" पर आधारित है और यह मिशन भारत के विज्ञान और अंतरिक्ष तंत्र क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस मिशन में "आदित्य सत्यनिष्ठता अनुप्राणित स्थानीयीकरण ट्रैकिंग सिस्टम" नामक उपकरण का उपयोग किया जाएगा. जिससे सूर्य के पास जाने वाले उपग्रह की स्थिति को सटीकता से ट्रैक किया जा सकेगा.

सूर्य के रहस्यों को जानने में भारत को मिलेगी मदद
इस मिशन के माध्यम से वैज्ञानिकों को सूर्य की कोर के पास जाने का अद्वितीय अवसर मिलेगा. जिससे वे सूर्य के रहस्यमयी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. यह मिशन सूर्यमंडल की भूमिका, उसके प्रतिक्रियाए और उसके वायुमंडल की अध्ययन के लिए भी महत्वपूर्ण है. आदित्य एल-1 मिशन की पूरी कार्यक्रम तालिका में उपग्रह के निर्माण, परीक्षण, और सफल प्रक्षेपण तक कई चरण होंगे. इस मिशन से भारत अंतरिक्ष अनुसंधान में एक बड़े प्रकल्प की प्रारंभिक कदम चढ़ाएगा और विज्ञानिक समुदाय को सूर्य के रहस्यों के पार जाने में मदद मिलेगी.

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