लगता है नीतीश कुमार का कोई सगा चला गया.... अतीक अहमद को लेकर सुशील कुमार मोदी ने ये क्या कह दिया?
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लगता है नीतीश कुमार का कोई सगा चला गया.... अतीक अहमद को लेकर सुशील कुमार मोदी ने ये क्या कह दिया?

सुशील मोदी ने कहा कि चार लाख दिव्यांगों के आंख की रोशनी चली गई, तो दो लाख और सामान्य स्थिति में 20 हजार का प्रावधान है. बिहार सरकार ने अभी तक उनकी आंखों की रोशनी चली गई जो अभी तक बीमार हैं.

लगता है नीतीश कुमार का कोई सगा चला गया.... अतीक अहमद को लेकर सुशील कुमार मोदी ने ये क्या कह दिया?

पटना: मोतिहारी में जहरीली शराब से कुल 38 लोगों की मौत हुई है. अभी भी कई लोग बीमार चल रहे हैं सभी का अस्पताल में इलाज चल रहा है. जहरीली शराब से मरने वाले के बढ़ते आकड़े पर सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अतीक अहमद की मौत के बाद ऐसे शांत हो गए है कि उनका कोई सगा चला गया हो. शराब से जिन लोगों की मौत हो रो रही है उन पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

सुशील मोदी ने कहा कि चार लाख दिव्यांगों के आंख की रोशनी चली गई, तो दो लाख और सामान्य स्थिति में 20 हजार का प्रावधान है. बिहार सरकार ने अभी तक उनकी आंखों की रोशनी चली गई जो अभी तक बीमार हैं. उनके लिए अभी तक किसी प्रकार की घोषणा नहीं की है और जो मुआवजे की प्रक्रिया है वह इतना पेचीदा बना दिया गया है अस्पताल में भर्ती कराया जाए. जरा विक्रेता का नाम बताया जाए ऐसी ऐसी शर्ते लगा दी गई है, इसमें पोस्टमार्टम के अलावा अधिकांश लोगों को कोई सहायता नहीं मिल पाएगी.

साथ ही साथ 2016 से जबसे शराबबंदी कानून बना उसी साल मुआवजा मिलना चाहिए था. 2016 से 2017 में मरे 18, 19 और 20 में मरे सरकार 5 साल 6 साल हो गया. जिसका परिवार उजड़ गया जिन लोगों को मुआवजा दिया जाए उन लोगों को ब्याज समेत मुआवजा मिलना चाहिए. जिनका शराब बंदी कानून बनने के बाद मृत्यु हुई है.

साथ ही बता दें कि वैसे लोगों को आपने विलंब किया कानूनी प्रावधान है. आप देकर कोई एहसान नहीं कर रहे हैं अगर प्रावधान नहीं होता है तो 2016 में गोपालगंज के खजूर बन्नी में 19 लोग मरे उनको उन चार लाख का मुआवजा क्यों दिया. जब-जब 2016 में मुआवजा दे सकते हैं तो 17, 18, 19 और 20 वाले लोगों को मुआवजा क्यों नहीं दिया जाएगा. विलंब से जिन लोगों को मुआवजा मिल रहा है या मिलेगा उन्हें चार लाख का मुआवजा मिलना चाहिए. जिनका गंभीर रूप से आंख की रोशनी चली गई उन्हें भी राशि दी जाए.

करीब अभी तक 361000 प्राथमिकी दर्ज है. 517000 गिरफ्तार हो चुके हैं 25000 अभी तक जेल में हैं 90 परसेंट एससी एसटी केबीसी है
जितने मुकदमे शराब बंदी कानून से चल रहे हैं. 1 अप्रैल से पहले उन सारे मुकदमे को वापस लिया जाए और अभी भी जेलों में 25000 लोग बंद है. बिहार की जेल की छमता 55000 है और आधे लोग शराब बंदी के वजह से जल-जल गए हैं वैसे लोगों के लोगों को रिहा किया.

इनपुट : निषेद

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