शुक्र डाल रहे हैं कुंडली पर बुरा असर, आज करें ग्रह शांति के ये आसान उपाय
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शुक्र डाल रहे हैं कुंडली पर बुरा असर, आज करें ग्रह शांति के ये आसान उपाय

Shukra Grah Shanti Ke Upay: सनातन परंपरा के अनुसार हमारे जीवन में ग्रहों का विशेष असर पड़ता है. नवग्रह मिलकर हमारी कुंडली निर्धारित करते हैं. हर ग्रह की स्थिति के अनुसार ही हम आयु, बल, बुद्धि, विद्या, धन, ऐश्वर्य और यश पा सकते हैं.

शुक्र डाल रहे हैं कुंडली पर बुरा असर, आज करें ग्रह शांति के ये आसान उपाय

पटनाः Shukra Grah Shanti Ke Upay: सनातन परंपरा के अनुसार हमारे जीवन में ग्रहों का विशेष असर पड़ता है. नवग्रह मिलकर हमारी कुंडली निर्धारित करते हैं. हर ग्रह की स्थिति के अनुसार ही हम आयु, बल, बुद्धि, विद्या, धन, ऐश्वर्य और यश पा सकते हैं. नवग्रहों में ही शुक्र ग्रह का जातकों पर खास असर होता है. शुक्र ग्रह को ऐश्वर्य का दाता ग्रह या देवता कहा जाता है. ज्योतिष में शुक्र ग्रह शांति के लिए दान, पूजा-पाठ और रत्न धारण किये जाते हैं. अगर आपकी कुंडली में शुक्र की स्थिति कमजोर है, तो आपका जीवन अभावों में कटेगा और इसके लिए आपको जरूरी उपाय जरूर करने चाहिए. 

शुक्र शांति के लिए दान करें
अगर आपकी कुंडली में शुक्र नीच अवस्था में हैं तो पीड़ित शुक्र को मजबूत करने के लिए शुक्र ग्रह से संबंधित वस्तुओं को शुक्रवार के दिन शुक्र की होरा और इसके नक्षत्रों (भरणी, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वषाढ़ा) के समय दान करना चाहिए. दान करने वाली वस्तुओं में दही, खीर, ज्वार, इत्र, रंगीन कपड़े, चांदी, चावल हो सकते हैं. ऐसा करने से शुक्र की स्थिति मजबूत होती है. 

रत्न धारण कर मजबूत होगा शुक्र
शुक्र ग्रह के लिए हीरा धारण किया जाता है. ज्योतिष के अनुसार वृषभ और तुला दोनों शुक्र की राशि हैं. अतः इन राशि के जातकों के लिए हीरा पहनना शुभ होता है. शुक्र यंत्र की पूजा से प्रेम जीवन, व्यापार और धनलाभ में वृद्धि होती है. शुक्र यंत्र को शुक्रवार को शुक्र की होरा एवं शुक्र के नक्षत्र के समय धारण करें.

शुक्र के लिए 6 मुखी रुद्राक्ष या 13 मुखी रुद्राक्ष धारण करना विशेष रूप से लाभदायक सिद्ध होता है. तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करते समय उसे मंत्र से सिद्ध करना चाहिए. इसके लिए ये मंत्र हैं -
ॐ ह्रीं नमः.
ॐ रं मं यं ॐ.

शुक्र देव को प्रसन्न करने वाला मंत्र
शुक्र मंत्रः जीवन में आर्थिक संपन्नता, प्रेम और आकर्षण में बढ़ोत्तरी के लिए शुक्र बीज मंत्र "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः" का उच्चारण करना चाहिए. इस मंत्र को कम से कम 16000 बार उच्चारण करना चाहिए और कलयुग में इस मंत्र को 64000 बार जपने के लिए कहा गया है. इसके अलावा ॐ शुं शुक्राय नमः मंत्र का भी जाप कर सकते हैं. 

शुक्रवार को करें व्रत और माता महालक्ष्मी की करें उपासना
शुक्र ग्रह की अधिष्ठाता देवी लक्ष्मी हैं. क्योंकि वही ऐश्वर्य की स्वामिनी हैं. इसलिए शुक्रवार को माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. मां दुर्गा और त्रिदेवियों का भी पूजन-वंदन करें. इससे शुक्र ग्रह के कुप्रभाव दूर होते हैं और ऐश्वर्य का योग बनता है.

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