Rahu Upay: अशुभ राहु कहीं आपको भी तो नहीं कर रहा परेशान, ऐसे रखें इसे शांत, नहीं तो दे जाएगा खतरनाक रोग
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Rahu Upay: अशुभ राहु कहीं आपको भी तो नहीं कर रहा परेशान, ऐसे रखें इसे शांत, नहीं तो दे जाएगा खतरनाक रोग

ज्योतिष शास्त्र के नव ग्रहों में दो ग्रह छाया ग्रह हैं. इन दो ग्रहों के नाम राहु और केतु हैं जो कुंडली में हमेशा वक्री रहते हैं. इसके साथ ही आपको बता दें कि इन दोनों ग्रहों के पास किसी भी राशि का स्वामित्व नहीं है. इसके साथ ही यह पाप ग्रह है.

(फाइल फोटो)

Rahu Upay: ज्योतिष शास्त्र के नव ग्रहों में दो ग्रह छाया ग्रह हैं. इन दो ग्रहों के नाम राहु और केतु हैं जो कुंडली में हमेशा वक्री रहते हैं. इसके साथ ही आपको बता दें कि इन दोनों ग्रहों के पास किसी भी राशि का स्वामित्व नहीं है. इसके साथ ही यह पाप ग्रह है. ऐसे में ये दोनों ग्रह जिसपर अपनी दृष्टि डालते हैं उन पर अपना प्रभाव जमा लेते हैं अगर वह ग्रह कुंडली में नीच का या कमजोर हो. वहीं दूसरी तरफ अगर वह ग्रह मजबूत हैं तो राहु और केतु उनके ही फलाफल को काम करते हैं. 

ऐसे में आपको बता दें कि राहु और केतु किसी भी जातक की कुंडली में सफलता का पूरा द्वार खेलते हैं लेकिन अगर कुंडली में दोनों की स्थिति ठीक ना हो तो व्यक्ति आर्थिक, शारीरिक, मानसिक नुकसान को झेलता है. ऐसे में राहु की खराब स्थिति आपको कई तरह के रोग भी देते हैं. 

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डिप्रेशन, बाल झड़ना, मानसिक तनाव, नाखून टूटना जैसी समस्याएं दिखने लगे तो आपको समझ लेना चाहिए की आपका राहु खराब हो गया है. ऐसे में राहु के खराब प्रभावों से बचने के लिए इसको मजबूत करना बेहद जरूरी है. बता दें राहु का दोष आपकी सफलता में भी बाधक है. 

ऐसे में राहु के दुष्प्रभावों से बचने के लिए देवताओं की अराधना करना सबसे अच्छा उपाय है. मां भगवती की पूजा इसके लिए सर्वोत्तम माना गया है. इसके साथ ही शेषनाग के ऊपर नाचते हुए श्रीकृष्ण की तस्वीर घर में रखकर इसकी नियमित पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही 'ओम् नमो भगवते वासुदेवाय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए.

गरीब कन्या का विवाह कराना राहु के अशुभ प्रभाव को कम करता है. इसके साथ ही कन्या भोजन में रविवार के दिन दही और हलवा खिलाना भी इसके दोष को दूर करता है. बता दें कि राहु की शांति के लिए गोमेद धारण करना भी श्रेयकर माना जाता है. 

राहु का दुष्प्रभाव आपको पेट संबंधित समस्याओं को भी जन्म दे देता है. इसके साथ ही त्वचा संबंधी समस्या भी बढ़ने लगती है.  कुष्ट रोग तक हो सकता है. ऐसे में राहु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए बजरंगबली और माता सरस्वती की पूजा अराधना श्रेष्ठ माना गया है. जातक अपने ससुराल से संबंध मधुर रखे, ऐसे जातक को जौ और तिल का दान करना चाहिए. नियमित दुर्गा चालीसा का पाठ भी इसमें श्रेयकर है. पक्षियों का दाना खिलाना भी बेहतर माना गया है, इसके साथ ही शिव मंदिर में रुद्राभिषेक भी करते रहना चाहिए. इसके साथ ही राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए हर दिन चंदन का तिलक लगाना चाहिए. 

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