डॉक्टरों की मानें तो टॉयलेट बैक्टीरिया का घर होता है. लोग टॉयलेट सीट की तो ठीक से सफाई कर देते हैं, लेकिन बैक्टीरिया टॉयलेट की दीवार, गेट आदि स्थान पर अपना घर बना लेता है.
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Mobile Side Effects : टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में भारत के अंदर प्रगति प्रौद्योगिकी-आधारित विकास के युग की शुरुआत हो रही है. इस युग में स्मार्ट फोन लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है. स्मार्ट फोन लोगों की आदत में इस कदर शुमार है कि लोग एक पल भी बिना फोन के नहीं रह सकते हैं. कुछ लोगों की आदत तो ऐसी है कि टॉयलेट के अंदर बैठकर फोन चलाते हैं, लेकिन लोगों की आदत उनको मौत के मुंह में धकेलने का काम कर रही है. दरअसल, टॉयलेट के अंदर बैक्टीरिया और यूरिन इंफेक्शन का खतरा हमेशा बना रहता है. अगर लोग टॉयलेट के अंदर अपना मोबाइल लेकर जाते हैं तो लोग जानलेवा बीमारियों के शिकार हो सकते हैं. आइए जानते हैं कौनसी है वो बीमारियां और इनसे बचाव के उपाय क्या है.
टॉयलेट में ऐसे फैलते है बैक्टीरिया
डॉक्टरों की मानें तो टॉयलेट बैक्टीरिया का घर होता है. लोग टॉयलेट सीट की तो ठीक से सफाई कर देते हैं, लेकिन बैक्टीरिया टॉयलेट की दीवार, गेट आदि स्थान पर अपना घर बना लेता है. टॉयलेट के हर कौने पर बैक्टीरिया होता है. अगर लोग टॉयलेट के अंदर जाकर फोन चलाते हैं तो खतरनाक बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. बता दें कि जब आप मोबाइल फोन लेकर टॉयलेट में जाते है तो दीवार, गेट, टॉयलेट फ्लश समेत कई जगह हाथ लगते है. यहां से हाथों में कीटाणु आ जाते है. जब आप फोन चलाते है तो मोबाइल पर कीटाणु आ जाते है. साथ ही जब आप टॉयलेट से बाहर जाते हैं तो फोन को साइड रख अपने हाथ ही साबुन से धोते हो, लेकिन बाद में सिर्फ पुनः फोन हाथ में लेकर इस्तेमाल करने लगते हो. ऐसे में फोन पर लगे बैक्टीरिया आपके हाथों में आ जाते है. इसके बाद आपके हाथ के माध्यम से मुंह,नाक की मदद से शरीर के अंदर बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते है. जो शरीर में अपना घर बनाकर नई बीमारियों को जन्म देते है.
इन बीमारियों से हो सकते हो संक्रमित
डॉक्टरों के अनुसार बता दें कि बैक्टीरिया पेट में जाने के बाद अपना नया घर बना लेते है और डायरिया, यूटीआई, कब्ज, पेट दर्द,यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और पाचन से जुड़ी तमाम समस्या को जन्म देते हैं. पेट के अंदर जब बीमारियां बढ़ने लगती है तो पेट के अंदरूनी हिस्सों और आंतों पर सूजन भी आ जाती है. अगर लोग समय रहते इन बीमारी का इलाज नहीं हो पाता है तो लोगों की जान भी जा सकती है.
पाइल्स की समस्या होने का भी बना रहता है डर
डॉक्टरों के अनुसार बता दें कि कुछ लोगों की आदत होती है कि वो लोग टॉयलेट में कमोड पर बैठकर मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. कई लोग अपना समय बचाने के लिए टॉयलेट के अंदर सोशल मीडिया साइट्स, वीडियो देखने के अलावा अपने दोस्तों से चैटिंग भी करते हैं. टॉयलेट में कमोड पर ज्यादा देर तक बैठने से लोअर रेक्टम और एनस की मांसपेशियों पर दबाव बढ़ने लगता है. अगर समय पर ध्यान नहीं जाता है तो पाइल्स ( बवासीर) होने का खतरा रहता है. हालांकि पाइल्स की समस्या पाचन क्रिया के कमजोर होने पर होती है, लेकिन अब कुछ हद तक टॉयलेट में मोबाइल का इस्तेमाल भी इसका जिम्मेदार हैं. अगर समय रहते हुए लोगों ने जल्द ही लोगों ने अपने अंदर बदलाव नहीं किया तो इन बीमारियों से कभी निजात नहीं पा सकते है.