बिहार: पप्पू यादव ने रामचरित मानस को लेकर दिए बयान पर शिक्षा मंत्री को दी 'शिक्षा'
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बिहार: पप्पू यादव ने रामचरित मानस को लेकर दिए बयान पर शिक्षा मंत्री को दी 'शिक्षा'

पप्पू यादव ने मीडिया से बात-चीत के दौरान कहा कि राम तुलसीकृत जो रामायण है उसमें लिखे गए किसी लाइन पर सवाल खड़े हो सकता हैं, विचारों पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं, लेकिन लेकिन राम के कैरेक्टर पर नहीं. 

पप्पू यादव ने शिक्षा मंत्री को नसीहत दी.

पटनाः Ramcharit Manas issue in Bihar: बिहार के शिक्षा मंत्री के रामचरित मानस को लेकर दिए गए बयान को लेकर जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा इस तरह के बयानबाजी से बचने की जरूरत है. साथ ही, पप्पू यादव ने शिक्षा मंत्री पर तंज कते हुए कहा कि बयानबाजी करने से बेहतर है कि बीएसएससी और बीपीएससी में जो पेपर लीक हो रहा है उसको रोकना चाहिए. 

पप्पू यादव ने शिक्षा मंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी में जो बच्चों का 3 साल का समय 5 साल में बदल रहा है उसको गंभीरता से लेना चाहिए. प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को रोक कर सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए. रामचरितमानस का कोई लाइन गलत हो सकता है लेकिन पूरी रामचरितमानस पर और राम के कैरेक्टर पर सवाल उठाना पूरी तरह गलत है. ऐसे लोगों को अपनी जुबान कंट्रोल रखना चाहिए.

पप्पू यादव ने मीडिया से बात-चीत के दौरान कहा कि राम तुलसीकृत जो रामायण है उसमें लिखे गए किसी लाइन पर सवाल खड़ा हो सकता है, विचारों पर भी सवाल खड़ा किया जा सकता है, लेकिन लेकिन राम के कैरेक्टर पर नहीं. कोई पार्टी, दल, व्यक्ति गलत हो सकता है लेकिन कोई महापुरुष गलत नहीं होता.

पप्पू यादव के मुताबिक तुलसीकृत रामायण जो लिखी गई है हो सकता है उसमें कोई लाइन गलत हो गई हो, भूल हो. लेकिन आपको जब एजुकेशन मिनिस्टर बनाया गया है तो जो बीएसएससी का पेपर लीक हो रहा है आप उसे रोकने का काम कीजिए. आपको प्राइवेट स्कूल पर बंदिश लगाकर सरकारी स्कूल के निर्माण के लिए लाया गया है उसको देखिए.

साथ ही, इस मामले को लेकर पप्पू याद ने बीजेपी पर भी निशाना साधा. उन्होने कहा कि बक्सर में किसानों की मुद्दे को खत्म कर इस मुद्दे को हावी किया जा रहा है, इसलिए हम लोग गिरिराज और अश्विनी चौबे नहीं बने और ना ही हम लोग बीजेपी बनें. 

हम किसी को गाली देने नहीं आए हैं. हम दबे कुचले की आवाज के लिए किसी भी ऊंची जाति को गाली नहीं देंगे. हम किसी धर्म और मजहब से नफरत नहीं करेंगे. ऐसे लोगों को अपनी जुबान को कंट्रोल रखना चाहिए. रामचरितमानस का पूरा ग्रंथ त्याग बलिदान और प्रेम का है. उसमें किसी लाइन में भूल हो सकती है लेकिन जिसके लिए सवाल खड़ा नहीं किया जा सकता.

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