बारिश की कमी से नहीं शुरू हो पाई धान रोपनी, किसान हुए परेशान
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बारिश की कमी से नहीं शुरू हो पाई धान रोपनी, किसान हुए परेशान

बिहार के शेखपुरा में मौसम की बेरुखी के कारण धान की रोपनी शुरू नहीं हो सकी है. सामान्य से कम बारिश होने के कारण किसानों के समक्ष धान के बिचड़ा बचाने की चिंता सताने लगी है. 

बारिश की कमी से नहीं शुरू हो पाई धान रोपनी, किसान हुए परेशान

शेखपुराः आषाढ़ माह खत्म होने पर है और सावन की शुरुआत होने वाली है, लेकिन अभी तक मौसम की बेरुखी के कारण बिहार के शेखपुरा में धान की रोपनी शुरू नहीं हो सकी है. सामान्य से कम बारिश होने के कारण किसानों के समक्ष धान के बिचड़ा बचाने की चिंता सताने लगी है. बारिश नहीं होने के कारण शेखपुरा में अभी तक महज 3% धान की रोपनी हो सकी है, जो भी धान की रोपनी हुई है. वह सामंत किसान अपने निजी नलकूप के माध्यम से कर सके हैं. जबकि पूरा का पूरा इलाका पानी के बिना तरस रहा है. वहीं किसान पानी की आस में खेती की तैयारी में जुटे गए हैं.

जुताई केसमय खेत में उड़ रही धूल
किसान अपने सूखे खेत की जुताई कर रहे हैं, ताकि खरपतवार से नियंत्रण हो सके. किसान ट्रैक्टर के माध्यम से खेती कर रहे है. जुलाई के महीने में खेत जुताई के समय धूल उड़ रहे है. किसानों ने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी मध्यम और छोटे किसानों को हो रही है. मध्यम और छोटे किसान अपने धान के बिचड़ा को बचाने में लगे हुए हैं और चिलचिलाती धूप में बिचड़ा सूख रहा है। जबकि बिजली विभाग की उदासीनता के कारण बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही है ऐसे में किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. किसान अपने बिचड़े को बचाने को लेकर काफी परेशान है ।किसानों ने कहा कि बारिश नहीं होने के कारण सूखे खेत की जुताई कर रहे हैं जबकि बारिश नहीं होने के कारण धान के बिचड़े में दरारे आ चुकी है और धान का बिचड़ा सुख कर खत्म हो रहा है.

जिले में महज 3% हो सकी धान रोपनी
इस संबंध में जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि जून माह में 165 मिलीलीटर बारिश के जगह मात्र 48 मीटर बारिश हुई है. जबकि जुलाई माह में 260 मीटर बारिश होनी है, लेकिन अभी तक मात्र 42 मिलीमीटर बारिश हुई है. ऐसे में पूरे जिले में महज 3% धान की रोपनी हो सकी है. जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि सामंत किसान द्वारा धान की रोपनी का कार्य शुरू किया गया है, लेकिन मौसम की मार के कारण वह काम भी अब प्रभावित हो रहा है. अगर यही स्थिति बनी रही तो शेखपुरा में सुखाड़ की स्थिति से इनकार नहीं किया जा सकता है.

किसानों को दिखी सुखाड़ की आशंका 
गौरतलब है कि जुलाई माह में अभी तक अगर समान बारिश होती, तो शेखपुरा में 10 से 12% तक धान की रोपनी का कार्य पूर्ण हो जाता. लेकिन मौसम की बेरुखी के कारण जून माह में भी औसत से 60% कम बारिश हुई. जबकि जुलाई माह में भी अभी तक औसत से अनुरूप काफी कम बारिश हुई है. ऐसे में एक बार फिर शेखपुरा में सुखाड़ की आशंका गहराता जा रहा है. ऐसे में किसानों के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न होते जा रहा है. 

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