Guru Grah Gochar: गोचर करने में एक साल का समय लेते हैं गुरु ग्रह, जानिए मीन राशि में मार्गी होने से क्या पड़ेगा असर
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Guru Grah Gochar: गोचर करने में एक साल का समय लेते हैं गुरु ग्रह, जानिए मीन राशि में मार्गी होने से क्या पड़ेगा असर

गुरु के स्वयं की राशि में मार्गी होना जातकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में, सभी तरह की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में सहायक होंगे. जो लोग विवाह के योग्य हैं और कोई नया कार्य या नया व्यापार शुरू करने वाले उनके लिए गुरु का मार्गी होना किसी तरह के वरदान से कम नहीं होगा. 

Guru Grah Gochar: गोचर करने में एक साल का समय लेते हैं गुरु ग्रह, जानिए मीन राशि में मार्गी होने से क्या पड़ेगा असर

पटना: Guru Grah Margi Effect: ग्रहों में सबसे अहम और देवताओं के गुरु माने जाने वाले देव गुरु बृहस्पति या गुरु ग्रह 24 नवंबर 2022 को मीन राशि में सुबह 04 बजकर 36 मिनट पर मीन राशि में मार्गी हो गए हैं.  मीन राशि गुरु की स्वयं की राशि है. वैदिक ज्योतिष में गुरु का गोचर करना और चाल बदलना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. सभी 9 ग्रहों में बृहस्पति एक प्रमुख ग्रह माना गया है.  यह एक वर्ष में अपनी राशि बदलते हैं.  गुरु के गोचर का सभी राशि के जातकों पर बेहद खास प्रभाव पड़ता है. 

भाग्य में बढ़ोतरी करेंगे गुरु
गुरु के स्वयं की राशि में मार्गी होना जातकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में, सभी तरह की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में सहायक होंगे. जो लोग विवाह के योग्य हैं और कोई नया कार्य या नया व्यापार शुरू करने वाले उनके लिए गुरु का मार्गी होना किसी तरह के वरदान से कम नहीं होगा. इससे अलावा जो लोग नौकरी की खोज में पिछले कई दिनों से प्रयासरत हैं उन्हे सफलता मिलेगी. सेहत के लिहाज से भी गुरु का स्वयं की राशि में मार्गी होना अच्छा संकेत है. गुरु का मार्गी होना कुछ राशियों के लिए उनके भाग्य में बढ़ोत्तरी प्रदान करेगा. 

ये होता है गुरु का शुभ प्रभाव
वैदिक ज्योतिष में गुरु बृहस्पति के राशि परिवर्तन और मार्गी होना का विशेष महत्व बताया गया है. क्योंकि गुरु ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि के कारक माने गए हैं. गुरु के शुभ प्रभाव से शिक्षा, रोजगार कला, संस्कृति, बैंकिंग और अध्यात्म के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अच्छा समय रहेगा. धर्म, शिक्षा और बैंकिंग से जुड़े लोगों के लिए अच्छा समय शुरू होगा.  इन मामलों से जुड़े बड़े और अहम फैसले भी होंगे.  कुल मिलाकर देव गुरु बृहस्पति का प्रभाव बढ़ने से रोगों और मानसिक रूप से उपजे तनाव में कमी आनी शुरू हो जाएगी. 

कुंडली के चौथे भाव का बृहस्पति कर देता है मालामाल
गुरु कालपुरुष कुंडली के चौथे भाव यानि कर्क राशि में उच्च का माना जाता है. अगर आपको कुंडली के चौथे भाव में गुरु लिखा है तो समझ जाइए आपके लिए गुरु बहुत अच्छा परिणाम देने वाले हैं. वहीं कुंडली में नवम और बारहवें भाव यानि धनु और मीन राशि में ये अपनी उच्च शिक्षा के लिए उत्तम माने जाते हैं. इस भाव में होने पर भी ये अच्छा फल देते हैं. तो वहीं आपकी कुंडली में ये दसवें भाव यादि मकर राशि में हैं तो आप सतर्क रहें. जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति बलवान होते हैं उन्हें कई तरह लाभ प्राप्त होते हैं.जीवन में धन, संपदा, मान-सम्मान, प्रतिष्ठा और उच्च पद की प्राप्ति होती है. बृहस्पति ग्रह किसी एक राशि में गोचर करने के लिए लगभग 1 वर्ष का समय लेते हैं.

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