Global Health Threat : भारत में भी युवा आबादी में अकेलापन की समस्या बढ़ रही है. एक रिसर्च के अनुसार 45 वर्ष की आयु के लगभग 20.5% वयस्क लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं.
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Global Health Threat : कोरोना के बाद एक नई महामारी की देश में आशंका बढ़ रही है, जो अकेलापन और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं को बढ़ावा दे रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इसे गंभीर स्वास्थ्य समस्या माना है. यह आबादी के बीच तेजी से फैल रहा है और इसे नई महामारी के तौर पर देखा जा रहा है.
WHO की रिपोर्ट के अनुसार अकेलापन से होने वाली परेशानियां दिन में 15 सिगरेट पीने के बराबर खतरनाकी हो सकती हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए जापान में एक आयोग शुरू किया गया है, जो लोगों के सामाजिक संबंधों में सुधार करने का काम कर रहा है. भारत में भी युवा आबादी में अकेलापन की समस्या बढ़ रही है. एक रिसर्च के अनुसार 45 वर्ष की आयु के लगभग 20.5% वयस्क लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं.
अकेलेपन की समस्या का बढ़ना युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं के विकास के साथ जुड़ा है. शहरी क्षेत्रों में रहने वाले युवा घर-परिवार से दूर, वर्क कल्चर और दिनचर्या की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जिससे उन्हें अकेलेपन का अनुभव हो रहा है. इस समस्या को कम करने के लिए हमें लोगों के बीच सामाजिक संबंधों में सुधार करने और युवाओं को मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सहारा प्रदान करने की जरूरत है. इसके लिए सार्वजनिक जागरूकता, शिक्षा, और समर्थन की आवश्यकता है.
सभी युवा और उनके परिवारों को यह बात समझनी चाहिए कि अगर किसी को मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो उसे शरण चाहिए और सहायता प्राप्त करनी चाहिए. साथ ही सरकार को भी इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देना चाहिए.