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Rahu Effect: किसी भी जातक की कुंडली के नवग्रहों में से दो ग्रह छायाग्रह माने गए हैं. वह हैं राहु और केतु जिसे सांप का मुंह और पूंछ कहा जाता है. कुंडली में इन ग्रहों को पाप ग्रह कहा गया है. आपको बता दें कि ये दोनों असुर थे और समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत को पीने के लिए यह असुर वेष बदलकर देवताओं की लाइन में बैठ गए. हालांकि इनको अमृत मिल गया लेकिन तभी देवताओं को इस बात का एहसास हो गया और इस मायावी का गला काट दिया गया. जिसका ऊपरी हिस्सा राहु और नीचे का हिस्सा केतु कहलाया.
ऐसे में जातक की कुंडली में इस ग्रह के प्रभावों का विशेष तौर पर विश्लेषण किया जाता है. आपको बता दें कि राहु का कलियुग का राजा माना गया है. इस ग्रह को इतनी ताकत है कि वह अगर कुंडली में अच्छी स्थिति में हो और शुभ योग बनाए तो जातक को राजा बना दे और बुरी स्थिति में होकर अशुभ योग बनाए तो राजा को रंक बना दे. मतलब आपकी कुंडली का यह छाया ग्रह आपकी परछाई है जो आपकी कुंडली के हर चरण में आपके ऊपर ग्रहों की दशा और अंतर्दशा में अपनी ताकत से प्रभावों को कम या ज्यादा करने की क्षमता रखता है.
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बता दें कि कुंडली के दोनों छाया ग्रह हमेशा वक्री ही चलते हैं. ऐसे में राहु केतु को पूरे 18 साल का समय लगता है एक राशि को पार करने में. इस राहु की वजह से जातक की कुंडली में गुरु राहु की युति से चांडाल दोष, सूर्य राहु की युति से पितृ दोष, सूर्य ग्रहण दोष, चन्द्र राहु की युति से चंद्र ग्रहण दोष, शनि राहु की युति से शापित दोष, मंगल राहु की युति से अंगारक दोष बनता है जो जातक के पूरे जीवन का कष्ट दे जाता है.
ऐसे में राहु आपकी कुंडली में कितना ताकतवर है या कितना कमजोर है. साथ ही शनि की स्थिति कुंडली में कैसी है इसपर किसी भी जातक का जीवन निर्भर करता है. मतलब साफ है कि कुंडली के 12 खानों में राहु के असर अलग-अलग होंगे. साथ ही किस ग्रह के साथ इसकी युति है और किस ग्रह पर इसकी या इस ग्रह पर दूसरे ग्रह की कैसी दृष्टि पड़ रही है वही जातक के भाग्य को बताता है.
राहु अशुभ हो जाए तो जातक जिंदगी भर आर्थिक तंगी, मानसिक परेशानी, गलतफहमी, तालमेल की कमी, गुस्सैल, कठोर वाणी, अपशब्द का प्रयोग करने जैसी चीजों से जूझता रहता है. राहु आपको अज्ञात भय से भी ग्रसित रखता है.
लेकिन राहु शुभ हो जाए तो अचानक लाटरी निकल आती है, गड़ा धन मिल जाता है. राजनीति में खूब सफलता मिलती है. सट्टा-बाजार ऐसे जातकों को खूब फलता है. ऐसे में शनि और राहु दोनों किसी जातक की कुंडली में शुभ हो तो उसे राजा बनते देर नहीं लगती. ऐसे में राहु की स्थिति को लेकर डराए जाने से बचिए और अच्छे ज्योतिष से इसके बारे में सलाह लेकर जो उपाय सुझाया जाए वह करिए तो आपके जीवन में भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा.