राजद और जदयू के नेताओं के आमने-सामने आने के बाद अब महागठबंधन में संभावित गांठ पड़ने से रोकने को लेकर बड़े नेता कवायद में जुट गए हैं.
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पटना: बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन की दो बड़ी पार्टियां राजद और जदयू के नेताओं के आमने-सामने आने के बाद अब महागठबंधन में संभावित गांठ पड़ने से रोकने को लेकर बड़े नेता कवायद में जुट गए हैं. राजद के नेता और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह जहां लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार निशाना साधते रहने के बाद जदयू के नेता सिंह पर कार्रवाई करने को लेकर मुखर थे.
इस बीच, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस को लेकर अपमानजनक टिप्पणी के बाद राजद और जदयू के नेता भी आमने सामने आ गए. इसके बाद बड़े नेताओं को महागठबंधन में गांठ पड़ने का एहसास हुआ, इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सामने आ गए.
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि हमें सभी का सम्मान करना है और किसी भी धर्म में हस्तक्षेप नहीं करना है. वे अपने धर्म का पालन करने के लिए स्वतंत्र हैं. मैंने शिक्षा मंत्री से पूछा है और उपमुख्यमंत्री ने भी अब इसे स्पष्ट कर दिया है.उन्होंने कहा कि समाज में मतभेद पैदा करना सबसे बुरी चीज है. हमें इससे बचना होगा.
इधर, जदयू की मांग पर एक्शन लेते हुए राजद ने बुधवार को पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया. ऐसे में तय है कि गठबंधन को बचाने को कवायद शुरू हो गई.
इधर, भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भी महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की मांग की है. सरकार को समर्थन दे रही भाकपा माले ने अनर्गल बयानबाजी पर रोक लगाने की मांग की है. पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि महागठबंधन में विवादित मुद्दों पर चर्चा के लिए समन्वय समिति बननी चाहिए.
(आईएएनएस)