कई शास्त्रों और ग्रंथों में पुरुषों को कैसा होना चाहिए, उसका व्यवहार और विचार कैसा हो इसके संबंध में बताया गया है. आचार्य चाणक्य ने भी अपने नीतिशास्त्र में इसी तरह पुरुषों के बारे में कुछ सिद्धांत लिखे हैं जिसे जानना जरूरी है.
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Chanakya Niti: कई शास्त्रों और ग्रंथों में पुरुषों को कैसा होना चाहिए, उसका व्यवहार और विचार कैसा हो इसके संबंध में बताया गया है. आचार्य चाणक्य ने भी अपने नीतिशास्त्र में इसी तरह पुरुषों के बारे में कुछ सिद्धांत लिखे हैं जिसे जानना जरूरी है. चाणक्य मानते हैं कि किसी की सफलता में उसकी सोच, उसका विचार, व्यवहार और उसकी वाणी का अहम रोल है. चाणक्य के नीति शास्त्र सिद्धांत सबसे ज्यादा प्रासंगिक हैं. आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र, कूटनीति या राजनीति शास्त्र के सिद्धांत हों इन पर चलकर ही कोई अपने आप को बेहतर बना सकता है. इन सिद्धांतों पर चलकर कोई समाज समृद्ध हो सकता है, किसी राष्ट्र का सही निर्माण हो सकता है या फिर दुनिया के अन्य देशों के साथ दूसरे देश के संबंध बेहतर हो सकते हैं. ऐसे में चाणक्य के नीति शास्त्र के सिद्धांतों पर चलकर लोग अपने जीवन को सफल और सुखद बना सकते हैं.
आचार्य चाणक्य की मानें तो किसी भी मनुष्य को तब तक हार नहीं माननी चाहिए जब तक उसे उसकी मंजिल ना मिल जाए. जिनका विश्वास अपनी जीत पर हो उन्हें सफलता जरूर मिलती है. चाणक्य ने ऐसे में बताया कि लगातार हार या निराशा से घिरे व्यक्ति को सफलता के लिए क्या करना चाहिए. उन्होंने बताया कि किन चीजों को अपने जीवन में शामिल कर आप सफलता अर्जित कर सकते हैं.
चाणक्य के इस श्लोक को देखें...
प्रभूतंकार्यमल्पंवातन्नरः कर्तुमिच्छति।
सर्वारंभेणतत्कार्यं सिंहादेकंप्रचक्षते॥
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य बताया कि कैसे शेर की तरह का व्यवहार कर मनुष्य अपने जीवन में सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकता है. कैसे उसके हिस्से में आई हार और निराशा उसकी सफलता में बदल सकती है. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के 6ठे अध्याय में इस बात का जिक्र किया है.
चाणक्य बताते हैं कि शेर की तरह की एकाग्रता आपको आपके लक्ष्य प्राप्ति की तरफ लेकर जाता है. इससे ही आप सफलता की तरफ अग्रसर होते हैं. चाणक्य कहते हैं कि जैसे शेर शिकार को पाने के लिए एकाग्र और शांत चित्त रहता है और समय आने पर झपट्टा मारकर अपने शिकार को पकड़ लेता है ऐसा ही मनुष्य को भी अपने जीवन में करना चाहिए. ऐसे में आपका ध्यान ना भटके नहीं तो सफलता और मौका दोनों हाथ से जाता रहेगा और फिर से इतनी सफलता को पाने के लिए शून्य से शुरुआत करनी पड़ेगी.
वहीं चाणक्य आगे कहते हैं कि सफलता के लिए आपको अपनी पूरी ताकत लगा देनी चाहिए जैसे शेर अपने शिकार को झपटने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देता है. आपकी ईमानदार कोशिश और आपकी मेहनत आपको सफलता दिलाएगी. अगर आप पूरी ताकत और मेहनत से कोशिश करेंगे तो आपको सफलता जरूर मिलेगी. ऐसे में आप अपने आप से आलस्य को दूर रखें सफलता आपके कदम चूमेगी. इसके साथ ही चाणक्य कहते हैं कि सफलता के लिए आपको हमेशा एकाग्रचित्त होकर प्रयास करना चाहिए.
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