BJP MLA Rampravesh Rai: क्यों मुश्किल में फंसे भाजपा विधायक रामप्रवेश राय, कोर्ट में करना पड़ा सरेंडर
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BJP MLA Rampravesh Rai: क्यों मुश्किल में फंसे भाजपा विधायक रामप्रवेश राय, कोर्ट में करना पड़ा सरेंडर

भाजपा के वरिष्ठ विधायक रामप्रवेश राय मुश्किल में फंस गए हैं. रामप्रवेश पूर्व पर्यटन मंत्री हैं और उनके खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद उन्हें बुधवार को कोर्ट में सरेंडर किया.

BJP MLA Rampravesh Rai: क्यों मुश्किल में फंसे भाजपा विधायक रामप्रवेश राय, कोर्ट में करना पड़ा सरेंडर

पटनाः BJP MLA Rampravesh Rai: भाजपा के वरिष्ठ विधायक रामप्रवेश राय मुश्किल में फंस गए हैं. रामप्रवेश पूर्व पर्यटन मंत्री हैं और उनके खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद उन्हें बुधवार को कोर्ट में सरेंडर किया. विधायक ने बुधवार को गोपालगंज की एसीजेएम 1 मानवेंद्र मिश्र की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में सरेंडर किया है. सरेंडर के बाद कोर्ट ने विधायक पर 5 हजार का जुर्माना लगाया और सशर्त जमानत दी. हालांकि उन्हें कोर्ट से छुटकारा नहीं मिला. विधायक पर ट्रायल चलाया जाएगा.  विधायक पर ये मामला साल 2020 का है. उन पर आरोप है कि उन्होंने एक जनसभा के दौरान कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं किया था.

कोरोना गाइडलाइंस के उल्लंघन का है मामला

जानकारी के मुताबिक, विधायक पर बरौली के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी देवेंद्र पांडेय ने बरौली थाना में बीजेपी उम्मीदवार राम प्रवेश राय के खिलाफ केस दर्ज कराया था. उनका आरोप था कि '24 अक्टूबर 2020 को बरौली उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में चुनावी सभा की गई थी. इसमें चुनाव आयोग के निर्देश  के बाद भी कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया था. सभा में आए लोग न तो मास्क लगाए हुए थे और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे. कोरोना गाइड लाइन के उल्लंघन को लेकर ही मामला दर्ज कराया गया था. इसी मामले में कोर्ट में बुधवार को सुनवाई थी.

कोर्ट से जमानत मंजूर

विधायक के वकील ने बुधवार को कोर्ट में जमानत की अर्जी पर अपील की थी कि 'राम प्रवेश राय सम्मानित जन प्रतिनिधि हैं. ऐसा कहते हुए विधायक के लिए जमानत की मांग की गई थी. अभियोजन पदाधिकारी ज्ञानेंद्र ने जमानत का विरोध किया. उन्होंने कहा कि 'चार तारीखों से लगातार अनुपस्थित रहने के कारण गैर जमानती वारंट कोर्ट से जारी हुआ था. कोर्ट के अनेक बार निर्देश के बावजूद उपस्थित नहीं हो रहे थे. पुलिस पेपर और आरोप गठन के लिए मामला लंबित चला आ रहा है.' कोर्ट ने बचाव पक्ष से पूछा कि क्या आप ट्रायल के लिए तैयार हैं. बचाव पक्ष ने कहा कि हम ट्रायल को तैयार हैं. इसके बाद विधायक की जमानत मंजूर की गई.

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