Bihar Tableau: कर्तव्य पथ पर बिहार की झांकी ने मोहा दर्शकों का मन, कैमरे में कैद करने को बेचैन दिखे लोग
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Bihar Tableau: कर्तव्य पथ पर बिहार की झांकी ने मोहा दर्शकों का मन, कैमरे में कैद करने को बेचैन दिखे लोग

Bihar Tableau: गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर बिहार की झांकी लोगों का मन मोह लिया. लोग बिहार की झांकी को अपने कैमरे में कैद करने को बेचैन दिखे.

बिहार की झांकी

पटना: गणतंत्र दिवस के अवसर पर विजय चौक से बिहार की झांकी जैसे ही कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ी दर्शकों द्वारा तालियों की गूंज से उसका स्वागत किया गया. झांकी जैसे ही मुख्य मंच के पास पहुंचा और मुख्य मंच  से उद्घोषणा की गई कि यह है बिहार की झांकी. बिहार की झांकी राज्य की ज्ञान और शांति की समृद्ध परंपरा का जश्न मना रही है. प्राचीन काल से बिहार ज्ञान की भूमि रही है. झांकी में भगवान बुद्ध को ध्यानमग्न धर्म चक्र मुद्रा में और पवित्र बोधि वृक्ष के साथ-साथ नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर भी दिखाए गए हैं. प्रधान मंत्री द्वारा नए अंतर्राष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन के साथ, बिहार वैश्विक स्तर पर ज्ञान के केंद्र के रूप में खुद को पुनः स्थापित कर रहा है.

मुख्य मंच से इस उद्घोषणा के दौरान पूरा कर्तव्य पथ पर दर्शकदीर्घा  में सभी दर्शकों के द्वारा खड़े होकर बिहार की समृद्ध परम्परा को प्रदर्शित करती झांकी का अभिनंदन किया गया. सभी दर्शक बिहार के इस मनमोहक झांकी को अपने मोबाइल कैमरे से कैद कर रहे थे. कार्यक्रम में उपस्थित विदेशी अतिथियों के द्वारा भी झांकी को अपने कैमरे में कैद किया जा रहा था. बोधि वृक्ष इस बात का संदेश दे रही थी कि इसी धरती से ज्ञान का प्रकाश सम्पूर्ण विश्व में फैला है.

बिहार राज्य की झांकी में बिहार की समृद्ध ज्ञान एवं शांति की परंपरा को प्रदर्शित किया गया. झांकी में शांति का संदेश देते भगवान बुद्ध को प्रदर्शित किया गया. भगवान बुद्ध की यह अलौकिक मूर्ति राजगीर स्थित घोड़ा कटोरा जलाशय में अवस्थित है, जहां प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं. वर्ष 2018 में स्थापित एक ही पत्थर से बनी 70 फीट की भगवान बुद्ध की इस अलौकिक एवं भव्य मूर्ति के साथ घोड़ा कटोरा झील का विकास इको टूरिज्म के क्षेत्र में बिहार सरकार का अनूठा प्रयास है.

झांकी में प्राचीन नालंदा महाविहार (विश्वविद्यालय) के भग्नावशेषों को भी दर्शाया गया. जो इस बात के साक्षी हैं कि चीन, जापान एवं मध्य एशिया के सुदूरवर्ती देशों से छात्र यहां ज्ञान की प्राप्ति के लिए आते थे. नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष प्राचीन भारत की ज्ञान परंपरा के प्रतीक हैं. इन भग्नावशेषों का संरक्षण एवं संवर्धन भारतीय संस्कृति की धरोहर को संजोने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. बिहार सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों से नालंदा का प्राचीन गौरव पुनर्स्थापित हो रहा है. झांकी में बिहार की प्राचीन एवं समृद्ध विरासत को भित्ति चित्रों के माध्यम से भी उकेरा गया है.

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प्राचीन नालंदा को ज्ञान केन्द्र के रूप में पुनर्स्थापित करने की दृष्टि से राजगीर में ही अन्तर्राष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी है. नवनिर्मित नालंदा विश्वविद्यालय का लोकार्पण मुख्यमंत्री बिहार की उपस्थिति में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 19 जून को किया गया था.

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