कोरोना की दूसरी लहर की वजह से अब बिहार के गांव भी प्रभावित होने लगे हैं. राज्य के गांवों में कोरोना के मामले काफी ज्यादा बढ़ रहे हैं.
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Patna: कोरोना की दूसरी लहर से सभी राज्य काफी ज्यादा प्रभावित है. वहीं, कोरोना की दूसरी लहर की वजह से अब बिहार के गांव भी प्रभावित होने लगे हैं. राज्य के गांवों में कोरोना के मामले काफी ज्यादा बढ़ रहे हैं.
हाजीपुर के घोसवार गांव में 20 से ज्यादा लोगों की मौत
वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर से 3 किलोमीटर दूर घोसवर गांव के लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं. गांव में 20 से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है लेकिन गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर न तो दवा मिल पा रहा है न ही कोरोना की जांच हो पा रही है. डॉक्टर का भी कहीं अता-पता नहीं है. गांव के पास ही हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर है, लेकिन यहां दिन में ही ताला लटका रहता है.
घोसवार गांव में दो टोला हैं नयाटोला और पुराना टोला, दोनों जगहों पर संक्रमण फैला चुका है. पुराना टोला के रहनेवाले शिवमंगल सिंह ने बताया कि उनके छोटे भाई का निधन कोरोना से हुआ है.
सासाराम के दरिहट गांव में दर्जनों बीमार
रोहतास जिले में दरिहट गांव की मुखिया सुष्मिता देवी की मौत सर्दी-खांसी और बुखार के बाद हो गई. सुष्मिता देवी की तरह ही कई लोगों की मौत हो चुकी है. अभी भी गांव के हर घर में कोई ना कोई सर्दी-खांसी और बुखार की चपेट में है. ग्रामीणों के मुताबिक सारे लोगों की मौत की वजह कोरोना वायरस ही है. लेकिन पिछले एक महीने में इतनी मौतों के बाद भी न गांव में कोई स्वास्थ्य टीम पहुंची है और न हीं कोई स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई गई है.
मधेपुरा के विशुनपुर गांव में फैला कोरोना
मधेपुरा के विशनपुर गांव में 10 लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों लोग अभी भी बीमार हैं. गांव से सटे ही स्वास्थ्य केंद्र है लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. गांव के लोग झोलछाप डॉक्टर और घरेलू नुस्खे के सहारे कोरोना से जंग लड़ रहे हैं. गांव के रहनेवाले ललित यादव के मुताबिक सरकारी स्तर पर कोई सुविधा नहीं है ना हीं इस गांव में कोई मेडिकल टीम पहुंची है.
मुजफ्फरपुर के संक्रमित गांव में डोर टू डोर जांच
मुजफ्फरपुर जिले के सकरा ब्लॉक के सरमस्तपुर पंचायत में कई लोगों की मौत के बाद प्रशासन की नींद टूटी है. ग्रामीणों का कहना है कि 26 दिनों में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इलाके में डर और दहशत का माहौल है.
इस पर जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा कि जिस गांव से यह खबर आई हैं, वहां के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है, सभी लोगों का सैंपल लिया जा रहा है साथ ही साथ सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी डोर टू डोर जांच की व्यवस्था कराई जा रही है. सैंपल लेने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.
मोतिहारी के मुडला गांव में 12 घंटे में 4 लोगों की मौत
मोतिहारी के आसपास के कई गांव कोरोना की चपेट में हैं. मुड़ला गांव मे 12 घंटे के अंदर 4 लोगों की मौत हो चुकी है. मुंडला से सटे रघुनाथपुर गांव में भी पिता पुत्र सहित 3 लोगों की मौत हो गई. रामगढ़वा में भी शिक्षक सहित दो लोग कोरोना से जिंदगी की जंग हार गए. लोगों में जागरूकता की कमी भी संक्रमण को बढ़ाने में मदद कर रही है.
रामगढ़वा पीएचसी के प्रभारी डॉक्टर प्रहस्त कुमार के मुताबिक हम लोग गांव मे कैंप लगाते है. लेकिन लोग कोरोना जांच कराना ही नहीं चाहते, ऐसे में हमलोगों वापस आना पड़ता है.
छपरा के हरपुर पंचायत बना रेड जोन
छपरा के बनियापुर ब्लॉक का हरपुर पंचायत कोरोना का केंद्र बन गया है, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने पूरे पंचायत को रेड जोन घोषित कर दिया है. जांच के दौरान यहां एक दिन में 17 कोरोना के मरीज मिले थे और अब ये आंकड़ा बढ़कर 60 के करीब पहुंच गया है. पूरे पंचायत को कंटेनमेंट जोन घोषित कर सील किया गया था.
मरीजों को रेफरल अस्पताल की निगरानी में होम आइसोलेशन में रखा गया है. 20 दिनों बाद अब कई मरीज निगेटिव हो गए हैं. फिलहाल पंचायत में करीब एक दर्जन लोग अभी भी संक्रमित हैं. कंटेनमेंट जोन घोषित करने के बाद भी गांव में सेनिटाइजेशन नहीं हुआ है.
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लापरवाही बनी वजह
किसी भी महामारी के फैलने में सबसे ज्यादा योगदान लोगों की लापरवाही का हो होता है. एक तरफ जहां सरकारी इंतजामों पर भी सवाल उठ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ लोग भी लगातार लापरवाही कर रहें हैं. इसी का असर है कि शहरों के बाद अब कोरोना गांवों में कहर ढा रहा है.