Bihar News: किसानों के लिए नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, ब्लॉक कार्यालय में लगाए जाएंगे पराली जलाने वालों के नाम
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Bihar News: किसानों के लिए नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, ब्लॉक कार्यालय में लगाए जाएंगे पराली जलाने वालों के नाम

Bihar News: मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि जिन किसानों पर पहले पराली जलाने के लिए मुकदमा चलाया गया था, उनके नाम ब्लॉक कार्यालयों में लगाए जाएंगे.

Bihar News: किसानों के लिए नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, ब्लॉक कार्यालय में लगाए जाएंगे पराली जलाने वालों के नाम

Bihar Nitish Government: बिहार में पराली जलाने वाले किसानों के नाम ब्लॉक कार्यालय पर लगाए जाएंगे, नीतीश सरकार ने कड़ा फैसला लिया. पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ने के बीच बिहार सरकार ने इस प्रथा में लिप्त किसानों की पहचान करने और उनके नाम ब्लॉक कार्यालयों में लगाने का फैसला किया है. यह जानकारी शनिवार को अधिकारियों ने दी. अधिकारियों ने कहा कि इसके साथ ही ऐसे किसानों के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 133 के तहत कार्रवाई शुरू करने के भी निर्देश दिए गए हैं, जो गैरकानूनी बाधा या उपद्रव से संबंधित है.

कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने बताया कि सरकार ने पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाया है ताकि वायु प्रदूषण और मिट्टी की उर्वरता को रोका जा सके. उन्होंने आगाह किया कि अगर कोई किसान इस प्रतिबंध का उल्लंघन करता है, तो उसे सरकारी योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता और सब्सिडी से महजूर कर दिया जाएगा. वे बताए कि राज्य के किसानों को सस्ती दर पर बिजली और रियायती कीमतों पर डीजल उपलब्ध कराई जा रही है, इसलिए किसानों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए.

अधिकारियों ने बताया कि मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि जिन किसानों पर पहले पराली जलाने के लिए मुकदमा चलाया गया था, उनके नाम ब्लॉक कार्यालयों में लगाए जाएंगे. इसके साथ ही राज्य सरकार ने किसानों को पराली जलाने से हतोत्साहित करने के लिए कई उपाय किए हैं और जागरूकता अभियान भी चलाया गया है. राज्य के विभिन्न शहरों में खराब वायु गुणवत्ता के खिलाफ लड़ाई को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं.

यह जानकारी देखते हुए स्थानीय स्तर पर कई किसानों को पहले ही पराली जलाने से जुड़े मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए दंडित किया गया था. इसमें रोहतास, कैमूर, बक्सर, नालंदा, गया और पटना जिलों में कई मामले शामिल थे, जिसमें रोहतास में सबसे अधिक मामले सामने आए थे.

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