Sawan Special: कैंसर के आगे जब डॉक्टरों ने खड़े कर दिए हाथ, तो दंड देते हुए कांवड़िया चल पड़ा बाबा बैद्यनाथ धाम
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Sawan Special: कैंसर के आगे जब डॉक्टरों ने खड़े कर दिए हाथ, तो दंड देते हुए कांवड़िया चल पड़ा बाबा बैद्यनाथ धाम

Sawan Special: सावन का पवित्र महीना चल रहा है. कच्ची कांवरिया पथ पर बाबा के भक्तों के अलग-अलग लीला दिखाई दे रही है. ऐसी ही भक्ति मधुबनी जिले के मंसापुर बलवा के रहने वाले अमरेंद्र यादव की भी देखने को मिली. 

कैंसर के आगे जब डॉक्टरों ने खड़े कर दिए हाथ, तो दंड देते हुए कांवड़िया चल पड़ा बाबा बैद्यनाथ धाम

मुंगेर: Sawan Special: सावन माह के पवित्र माह में कच्ची कांवरिया पथ पर बाबा के भक्तों के अलग-अलग लीला है. कोई भक्त अपने परिवार की सुख समृद्धि को लेकर जाते है या किसी की मन्नत पूरी होने पर. लेकिन असरगंज कच्ची कांवरिया पथ पर एक ऐसे भोले भक्त को देखा, जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. 

मधुबनी जिले के मंसापुर बलवा के रहने वाले अमरेंद्र यादव ने दंड प्रणाम करते हुए, सुल्तानगंज से 105 किलोमीटर बाबा बैद्यनाथ धाम देवघर जा रहे. उनके दृढ़ विश्वास और अटूट श्रद्धा को देख कर लोग बस यही कह रहे है. उनकी मनोकामना बाबा भोले नाथ पूरी कर दे, जो उन्हें इतनी कठिनाइयों के बावजूद भी आगे बढ़ने का साहस कर  रहे है. 

अपनी दंड यात्रा के दौरान कच्ची कांवरिया पथ पर सुल्तानगंज से चलने के बाद आठवें दिन असरगंज प्रखंड के कच्ची कांवरिया पड़ाव दिए. वहीं जब इसकी जानकारी कुछ भक्त को पता चला तो उन्हे फूल माला पहना कर उनके साहस को प्रमाण किया.

दंडी यात्रा दें रहे अमरेंद्र किन विपरीत परिस्थितियों से गुजर रहे से जब बातचीत किया तो वो फूट फूट कर रो पड़े हैं. अमरेंद्र ने बताया कि हम ट्रक चालक है और 25 सालों से बाबा बैजनाथ जा रहे हैं. कभी डाक बम, कभी कावड़ बम, लेकिन इस बार वो दंड प्रमाण कर यात्रा कर रहे है. 

आगे उन्होंने अपनी बीमारी को लेकर बताया कि वह किसी प्रकार का नशा नहीं करता हैं. सात साल पूर्व अचानक सिर भारी लगने लगा, तब उन्होंने दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में जांच करवाई थी. जांच के बाद पता चला कि हमें पता चला कि हमें ब्लड कैंसर है. तब में संकल्प लिया और बाबा से कहा कि हमें जिंदा रखे. मैं आपकी नगरी को शरीर से नापुगा एवं इस नगरी का भिखारी बन कर रहूंगा. 

इनपुट- प्रशांत कुमार, मुंगेर 

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