Hemant Soren: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद धनशोधन के एक मामले में बुधवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन का नाम मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तावित किया गया है.
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रांचीः Hemant Soren: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद धनशोधन के एक मामले में बुधवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन का नाम मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तावित किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित भूमि धोखाधड़ी मामले से जुड़े धनशोधन के आरोपों को लेकर सात घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद बुधवार को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें ईडी दफ्तर ले जाया गया जहां उनकी चिकित्सा जांच की जाएगी. अपनी गिरफ्तारी से पहले, सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन को झारखंड के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया.
वे गठबंधन के विधायकों के साथ राजभवन गए थे और फिर उन्हें वहां से ईडी कार्यालय ले जाया गया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, ‘‘हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने नए मुख्यमंत्री के रूप में झामुमो के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन का नाम प्रस्तावित किया है.’’ झामुमो विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने संवाददाताओं से कहा, "हमने 47 विधायकों के समर्थन से नयी सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत किया है."
झामुमो सूत्रों ने बताया कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार रात को झारखंड उच्च न्यायालय का रुख किया. हालांकि, सोरेन ने अदालत का रुख क्यों किया इसका कारण ज्ञात नहीं है. उनकी याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश श्री चन्द्रशेखर और न्यायमूर्ति अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ बृहस्पतिवार सुबह 10.30 बजे सुनवाई करेगी. इससे पहले मुख्यमंत्री आवास पर जुटे विधायकों ने चंपई सोरेन को झामुमो विधायक दल का नेता चुना. पार्टी प्रवक्ता विनोद पांडे ने कहा कि चंपई सोरेन के नाम पर आम सहमति बनी. सरायकेला विधानसभा सीट से 1991 से तीन से अधिक दशक से विधायक चंपई सोरेन को झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन का नजदीकी माना जाता है.
झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के जिलिंग्गोरा गांव में नवंबर 1956 में जन्मे चंपई सोरेन मैट्रिक पास और सात बच्चों के पिता हैं. वह एक किसान के बेटे हैं और वह हेमंत सोरेन परिवार के रिश्तेदार नहीं हैं. सूत्रों ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान 48 वर्षीय हेमंत सोरेन के जवाब में स्पष्टता नहीं थी और इसलिए उन्हें धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में ले लिया गया. सूत्रों ने कहा कि उम्मीद है कि सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय यहां एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश करेगा और हिरासत में पूछताछ के लिए उनकी हिरासत का अनुरोध करेगा. उन्होंने कहा कि एजेंसी ने मामले में दूसरे दौर की पूछताछ के दौरान सोरेन से 15 सवाल पूछे. उन्होंने कहा कि सोरेन से पहली बार 20 जनवरी को पूछताछ की गई थी.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन को एजेंसी के पास दर्ज टाइप किए गए उनके बयान दिखाए गए और हिरासत में लेने से पहले इन दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर मांगे गए. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने उन पर हस्ताक्षर किए हैं या नहीं. झामुमो नेता सोरेन के खिलाफ धनशोधन के आरोप 'भूमि माफिया' के साथ उनके कथित संबंधों के अलावा कुछ अचल संपत्तियों के कथित अवैध कब्जे से संबंधित हैं. केंद्रीय एजेंसी के अनुसार, यह जांच झारखंड में "माफियाओं द्वारा भूमि के स्वामित्व को अवैध रूप से बदलने के एक बड़े रैकेट" से जुड़ी है. ईडी ने इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 2011 बैच के आईएएस अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं, जो राज्य के समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे.
अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले, हेमंत सोरेन ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर केंद्रीय जांच एजेंसी के सोमवार के तलाशी अभियान के संबंध में ईडी के कर्मियों के खिलाफ रांची के एससी/एसटी पुलिस थाने में दिन में एक प्राथमिकी दर्ज करायी. अधिकारियों ने प्राथमिकी के हवाले से बताया कि हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया है कि ईडी ने ‘‘उन्हें तथा उनके पूरे समुदाय को प्रताड़ित और बदनाम’’ करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में उनके आवास पर तलाशी अभियान चलाया. रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि ‘‘ईडी के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है... हमें मुख्यमंत्री की अर्जी मिली है.’’
ईडी की एक टीम ने सोमवार को हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास की तलाशी ली थी और झारखंड में एक कथित भूमि सौदे से जुड़े धनशोधन मामले में उनसे पूछताछ करने के लिए लगभग 13 घंटे तक वहां डेरा डाले रखा था. एजेंसी ने तलाशी के दौरान 36 लाख रुपये की नकदी, एक एसयूवी और कुछ दस्तावेज जब्त करने का दावा किया है. अधिकारियों के अनुसार, हेमंत सोरेन ने प्राथमिकी में कहा है, ‘‘मेरे परिवार के सदस्यों और मुझे इन कृत्यों के कारण अत्यधिक मानसिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक क्षति हुई है.’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि जब्त की गयी कार के मालिक वह नहीं हैं और बरामद की गयी रकम भी उनकी नहीं है. संबंधित घटनाक्रम में सत्तारूढ़ झामुमो के विधायक हेमंत सोरेन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए उनके आवास पर पहुंच गये.
स्वास्थ्य मंत्री एवं कांग्रेस नेता बन्ना गुप्ता ने कहा कि सोरेन जांच में सहयोग कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं का यह कर्तव्य है कि वे इस प्रकार की जांच ‘‘ठीक ढंग’’ से करें. राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि सभी विधायक हेमंत सोरेन के साथ हैं. हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ के विरोध में झामुमो समर्थकों ने पास के मोराबादी मैदान में विरोध प्रदर्शन किया. पार्टी के बैनर और पोस्टर लिए तथा तीर और कमान दिखाते हुए समर्थकों ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार सोरेन की आदिवासी पहचान के लिए जांच एजेंसी के जरिए उन्हें निशाना बना रही है.
मुख्यमंत्री आवास समेत राज्य राजधानी में अहम स्थानों पर 100 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा आदेश लागू होने के कारण प्रदर्शन हेमंत सोरेन के आवास से कुछ किलोमीटर दूर मोराबादी मैदान में आयोजित किया गया. इस बीच, झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा, ‘‘जब हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने थे तब से ही मैंने उन्हें कई पत्र लिखकर कुछ भी गलत करने को लेकर चेताया था लेकिन उन्होंने उनकी नहीं सुनी. उन्होंने काम पर ध्यान नहीं दिया और इसके बजाय कमायी पर ध्यान लगाते रहे. अगर वह ईमानदार होते तो ईडी के नोटिस का पहले ही जवाब दे चुके होते.’’
भाजपा के राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने कहा, ‘‘चार साल के कार्यकाल में हेमंत सोरेन ने झारखंड को लूटा है. वह शराब घोटाले, भूमि घोटाले और खनन घोटाले में शामिल रहे. लेकिन कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, सभी उसके दायरे में आते हैं.’’
इनपुट- भाषा के साथ
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