Bihar Teacher: बिहार में शिक्षा में सुधार को लेकर बीएससी के माध्यम से शिक्षकों की बहाली कर शिक्षक बनाए जा रहे हैं. इसी बीच एक ऐसे शिक्षक बने हैं जो अपनी पढ़ाई लिखाई करने के बाद नौकरी नहीं मिलने के वजह से मंदिर में गेरुआ वस्त्र धारण कर संत बन गए और पूजा पाठ कराने लगे.
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मुजफ्फरपुर: Bihar Teacher: बिहार में शिक्षा में सुधार को लेकर बीएससी के माध्यम से शिक्षकों की बहाली कर शिक्षक बनाए जा रहे हैं. इसी बीच एक ऐसे शिक्षक बने हैं जो अपनी पढ़ाई लिखाई करने के बाद नौकरी नहीं मिलने के वजह से मंदिर में गेरुआ वस्त्र धारण कर संत बन गए और पूजा पाठ कराने लगे.
इसी बीच बीपीएससी के माध्यम से शिक्षा विभाग में बहाली निकाल कर शिक्षक बनाए जाने लगे तो बिहार के पूर्णिया जिले के रहने वाले एक ऐसे व्यक्ति ने परीक्षा दी, जो मंदिर में गेरुआ वस्त्र पहन कर पूजा पाठ करने वाले एक संत ने शिक्षक पात्रता की परीक्षा पास की और आज वह गेरुआ वस्त्र में ही मुजफ्फरपुर के पताही टीचर ट्रेनिंग कॉलेज में शिक्षक का प्रशिक्षण ले रहे है.
हम आज आपको ऐसे सन्यासी शिक्षक के बारें में बताने जा रहे हैं जो बीपीएससी पास करके शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज में ट्रेनिंग ले रहे हैं, वे पूर्णिया जिले के रहने वाले हैं. उनका नाम नरेंद्र सिंह है. जब जी मीडिया संवाददाता ने पूछा कि आप तो गेरुआ वस्त्र पहन कर प्रशिक्षण ले रहे है तो उन्होंने कहा कि उनका वस्त्र ही यही है. हम बीपीएससी परीक्षा भी इसी ड्रेस में देने गए. वहां भी हमे रोका गया तो उन्होंने एडमिट कार्ड दिखाया. उसके बाद ही उन्हें परीक्षा देने के लिए प्रवेश मिला. उसके बाद परीक्षा को पास किया और आज बीपीएससी शिक्षक बन गए हैं. अब बच्चो को संगीत के साथ ही जीवन की लीला को भी सिखाएंगे.
संत से बीपीएससी तक का सफर तय करने वाले नरेंद्र ने कहा कि वह पढ़ाई लिखाई के साथ ही अपने गुरु जी से सानिध्य में संगीत की शिक्षा लिया करते थे और शिक्षा पूरी कर लेने के बाद उन्हें नौकरी नहीं मिली, तो वह संत बन गए और मंदिर में पूजा पाठ कराने लगे. इसी बीच उन्हें जानकारी मिली की, शिक्षक भर्ती में संगीत टीचर की बहाली है. जिसके बाद उन्होंने अप्लाई किया और फिर बीपीएससी की परीक्षा पास करने टीचर बन गए.
जब उनसे पूछा गया कि गेरुआ वस्त्र में ही बच्चों को पढ़ाएंगे तो खुल कर उन्होंने कहा कि हां और इसी वेशभूषा में ही संगीत की शिक्षा के साथ ही जीवन की लीला भी समझाएंगे. उन्होंने यहां तक कहा कि जब शिक्षा विभाग के ACS केके पाठक इस ड्रेस के बारे सवाल करेंगे तो उनको भी गेरुआ वस्त्र और संगीत का रिश्ता बताएंगे और वह इसी ड्रेस में बच्चों को शिक्षा देंगे.
इनपुट- मणितोष कुमार
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