मगध मेडिकल कॉलेज में बड़ी लापरवाही आई सामने, मृतक के शव को चूहे ने कुतरा
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मगध मेडिकल कॉलेज में बड़ी लापरवाही आई सामने, मृतक के शव को चूहे ने कुतरा

बिहार के मगध प्रमंडल के एक मात्र सबसे बड़े अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में एक बार फिर से बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. जिसने अस्पताल की व्यवस्था पर एक बार फिर से सवाल खड़ा कर दिया है और यहां की पूरी व्यवस्था की पोल खोल दी है.

(फाइल फोटो)

गया : बिहार के मगध प्रमंडल के एक मात्र सबसे बड़े अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में एक बार फिर से बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. जिसने अस्पताल की व्यवस्था पर एक बार फिर से सवाल खड़ा कर दिया है और यहां की पूरी व्यवस्था की पोल खोल दी है. इस पूरे मामले में एक ऐसा वीडियो सामने आया है जो सबको हैरान कर देगा. 

चूहे ने कुतरा शव का होंठ और नाक
दरसअल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नवादा जिले के गोविंदपुर के बिशुनपुर गांव के निवासी 84 वर्षीय रामजी तिवारी को 21 जुलाई को भर्ती कराया गया था. जहां उनका इलाज इमरजेंसी वार्ड में किया जा रहा था. तीन दिनों के बाद 24 जुलाई की देर रात को बुजुर्ग मरीज की मौत हो जाती है और परिजनों को उनका शव सौंपा दिया जाता है. रात में कोई सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण परिजनों ने मृतक के शव को इमरजेंसी वार्ड के बाहर रखकर छोड़ दिया और जब सुबह मृतक के शव को अंतिम संस्कार करने के लिए लेने के लिए पहुंचे तो शव को देखकर हैरान रह गए. शव के होंठ व नाक के हिस्से को चूहा कुतर कर खा गया था. वहीं इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को दी गई तो पूरे अस्पताल में हड़कंप मचा गया. वही इसकी शिकायत परिजनों के द्वारा किए जाने के बाद अस्पताल प्रशासन की नींद खुली और आनन-फानन में शव को प्राइवेट एम्बुलेंस से श्मशान घाट भेजा गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया. 

अस्पताल ने दिलाया जांच और कार्रवाई का भरोसा
वही इस बड़ी लापरवाही का मामला सामने आने के बाद अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ गोपाल कृष्ण ने बताया कि मृतक को 21 जुलाई को भर्ती कराई गई थी. 24 जुलाई को उनकी मौत हो गई. जिसके बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया था. किसी कारणवश परिजनों के द्वारा शव को नहीं ले जाया गया. इस बीच शव के निचले होठ और नाक का कुछ हिस्सा चूहे के द्वारा कुतर दिया गया. 

अस्पताल के अधीक्षक ने कहा की हेल्थ मैनेजर मो. आसिफ की लापरवाही सामने आई है. उन्होंने कहा कि शव को नहीं ले जाने की स्थिति में उसे मोर्चरी में रखा जाना चाहिए था, लेकिन नहीं रखा गया. इस मामले में हेल्थ मैनेजर से स्पष्टीकरण मांगा गया है. जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. बताया की पूर्व में लापरवाही बरतने के मामले में 2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जा चुका था. 

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गौरतलब है की ऐसी लापरवाही पहली बार नहीं बल्कि कई बार हो चुकी है. कभी लावारिस शव को 10 दिनों तक मोर्चरी में सड़ने के लिए छोड़ देने का मामला तो कभी अन्य मामलों में लापरवाही बरती जा चुकी है. 

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