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गया: Bihar News: गया के बोधगया थाना क्षेत्र के काली मंदिर के पास निरंजना नदी किनारे पर 10 अगस्त को मिले 43 वर्षीय बौद्ध भिक्षु हाउवर्ट डेविट संजीव के मौत को लेकर आज शुक्रवार को बोधगया में रह रहे कई बौद्ध भिक्षुओं ने पुलिसिया जांच पर सवाल उठाते हुए हत्या की सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना दिया.
बौद्ध भिक्षुओं का दल महाबोधि मंदिर के पास स्थित बीटीएमसी गोलंबर के पास शांतिपूर्ण तरकी से बौद्ध भिक्षु की हत्या के विरोध में एकजुट हुए. इस संबंध में भिक्षु चकमा ने बताया कि मृत बौद्ध भिक्षुओं के परिवार यहां नहीं रहते हैं. लेकिन, एक बौद्ध भिक्षु होने के नाते उसकी मौत किस परिस्थिति में हुई है, क्या उसको किसी ने मार कर लटका दिया होगा या उसने खुदकुशी की होगी इस मामले को हम लोग भली भांति समझना चाहते हैं?
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बौद्ध भिक्षु चकमा ने कहा कि आज बोधगया में जितने बौद्ध भिक्षु रहते हैं. उनके जेहन में एक सवाल उठ रहा है कि क्या यहां रहने वाले सभी बौद्ध भिक्षु आत्महत्या करने के लिए बोधगया में आये हैं. हम सभी बौद्ध भिक्षु उसके लिए नहीं आये हैं. हमलोग सभी यहां भगवान बुद्ध की आराधना व पूजा के लिये आये हुए हैं. मृतक भी उसी तरह आया होगा. सवाल यह उठता है कि उसकी हत्या किसने की है? इसी को लेकर आज बौद्ध भिक्षु धरने पर बैठे हैं. हमारी मांग है कि सरकार इस मामले की जांच सीबीआई से करवाए. हमारी मांग को नहीं मानने की स्थिति में हम लोग आगे विचार करेंगे.
बौद्ध भिक्षु हर्ष बोधि ने बताया कि 10 अगस्त को मारे गए बौद्ध भिक्षु को आज सभी बौद्ध भिक्षु एकत्रित होकर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. साथ ही हम लोग मांग करते हैं कि बोधगया में यह पहली घटना नहीं है. मेरी जानकारी में यह चौथी घटना है. इसी तरह से पुलिस के द्वारा बौद्ध भिक्षु की हत्या को आत्महत्या बताया जाता है. भगवान बुद्ध के शरण में जो बौद्ध भिक्षु आते हैं. वह अपना राग, द्वेष छोड़कर शांति व सुख के लिये आते हैं ना कि आत्महत्या करने के लिए आते हैं. बोधगया में ऐसी घटना होना बहुत ही निंदनीय है. सीबीआई के जांच द्वारा बोधगया में हो रहे हत्या के पीछे किसी के द्वारा बौद्ध भिक्षुओं को आघात करने का तो प्रयास नहीं किया जा रहा है इसका खुलासा होना चाहिए. इस घटना को लेकर देश विदेश में गलत प्रचार हो रहा है. ऐसी स्थिति रहेगी तो हमारे साथ भी इस तरह का घटना को अंजाम देकर आत्महत्या होने का प्रमाण दे दिया जाएगा. बोधगया में पुलिस का खौफ होता तो ऐसी घटना बार-बार नहीं घटती. मुख्यमंत्री से निवेदन है कि इसकी सीबीआई जांच करवाएं.