गांधी मैदान नहीं कालिदास रंगालय में हुआ रावण वध, कुंभकर्ण-मेघनाथ के साथ जला कोरोना का पुतला
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गांधी मैदान नहीं कालिदास रंगालय में हुआ रावण वध, कुंभकर्ण-मेघनाथ के साथ जला कोरोना का पुतला

शहरा कमेटी के प्रमुख कमल नोपानी ने बताया कि इस बार कोविड प्रोटोकॉल के कारण छोटे रूप में आयोजन किया गया. उन्होंने कहा कि इस बार रावण का पुतला 15 फीट उंचा बनाया गया, जबकि 13 फीट का मेघनाथ का पुतला और 12 फीट का कुंभकरण का पुतला बनाया गया था.

 

गांधी मैदान नहीं कालिदास रंगालय में हुआ रावण वध. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Patna: बिहार की राजधानी पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान इस साल विजयादशमी के मौके पर शुक्रवार को सूना रहा. कोरोना (Corona) के कारण दशहरे के मौके पर गांधी मैदान में कोई कार्यक्रम नहीं हुआ. वहीं, इस वर्ष पटना के कालिदास रंगालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां रावण के पुतले के साथ कोरोना का पुतला भी जलाया गया.

कुल 80 लोगों को मिली प्रवेश की अनुमति
जानकारी के अनुसार, इस मौके पर दशहरा कमेटी के लोगों को मिलाकर कुल 80 लोगों के प्रवेश को अनुमति दी गई. रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों को भी पहले की तुलना में बेहद छोटा बनाया गया था. बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने धनुष से बाण चलाया, जिसके बाद रावण का पुतला धू-धू कर जलने लगा.

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असत्य पर सत्य की विजय के रूप में जलाए गए पुतले
इधर, दशहरा कमेटी के प्रमुख कमल नोपानी ने बताया कि इस बार कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) के कारण छोटे रूप में आयोजन किया गया. उन्होंने कहा कि इस बार रावण का पुतला 15 फीट उंचा बनाया गया, जबकि 13 फीट का मेघनाथ का पुतला और 12 फीट का कुंभकरण का पुतला बनाया गया था. इसके अलावा कोरोना का आठ फीट का पुतला बनाया गया था. कोरोना के पुतले को कांटेदार बनाया गया. असत्य पर सत्य की विजय के रूप में इन पुतलों को जलाया गया.

कम दिखी चहल-पहल
बता दें कि इस कार्यक्रम में चुनिंदा लोगों को आमंत्रित किया गया था. गांधी मैदान में रावण वध का कार्यक्रम नहीं होने के कारण दशहरे के मौके पर शहर में चहल-पहल कम दिखी.

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