IPS Amitabh Yash In Bahraich: बिहार के मूल निवासी और उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर आईपीएस अमिताभ यश को बहराइच दंगे को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी मिली है. जिस तरह से अमिताभ यश ने बहराइच में एंट्री की है और हाथ में पिस्टल लेकर सड़कों पर दौड़े हैं, उससे उनके तेवर और इरादे साफ तौर पर झलक रहे हैं.
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IPS Amitabh Yash: उत्तर प्रदेश के बहराइच में बेकाबू हालात (Bahraich Riots) के बीच एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि बिहारी सिंघम और यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर खुद दंगा रोकने के लिए उतर पड़े हैं. बिहारी सिंघम के तेवर और इरादे साफ तौर पर वीडियो में देख जा सकते हैं. उनके दाहिने हाथ में पिस्टल है तो बाएं हाथ से वे अपना मोबाइल और चश्मा संभाले हुए हैं. हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और बिहार के लाल अमिताभ यश (Amitabh Yash) की. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की सरकार ने बहराइच दंगा को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी अमिताभ यश को दी है और जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है कि बहराइच में उनकी एंट्री ही बहुत धांसू हुई है. आपको पता ही होगा कि अमिताभ यश बिहार के मूल निवासी हैं और भोजपुर के रहने वाले हैं. अमिताभ यश इससे पहले भी कई बार अपना जलवा दिखा चुके हैं.
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बिहार के भोजपुर निवासी अमिताभ यश की पढ़ाई दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से हुई है और वे कानपुर आईआईटी के भी छात्र रहे हैं. आईआईटी के बाद उन्होंने 1996 में यूपीएससी क्वालीफाई किया और फिर वे यूपी कैडर के आईपीएस बन गए. यूपी सरकार ने 2017 में उन्हें एसटीएफ का आईजी बनाया था और 2021 में वे एसटीएफ के ही एडीजी बन गए थे. राष्ट्रपति की ओर से अमिताभ यश को 2 गैलेंट्री अवार्ड भी मिल चुके हैं.
प्रशांत कुमार के डीजीपी बनने के बाद आईपीएस अमिताभ यश को यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर का अतिरिक्त प्रभार मिला है. वे यूपी एसटीएफ के साथ कानून व्यवस्था की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
अमिताभ यश कई जगहों पर बतौर एसपी और एसएसपी भी काम कर चुके हैं. संत कबीर नगर, बाराबंकी, महाराजगंज, हरदोई, जालौन, बुलंदशहर, सहारनपुर, नोएडा और कानपुर जैसे जिलों में वे पुलिस कप्तान की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. बता दें कि अमिताभ यश के पिता रामयश सिंह भी आईपीएस अधिकारी थे.
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अमिताभ यश को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी कहा जाता है. 2007 में वे यूपी एसटीएफ के एसएसपी बनाए गए थे. एसटीएफ में रहते हुए वे अब तक 150 बदमाशों का एनकाउंटर कर चुके हैं. चित्रकूट के जंगलों को डकैतों से मुक्त कराने में अमिताभ यश की अहम भूमिकारही है.