Bihar News: भागलपुर में इन शिक्षा मित्र और पंचायत शिक्षकों पर गिरेगी गाज, डीईओ करेंगे कार्रवाई, जानें पूरा मामला
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1824662

Bihar News: भागलपुर में इन शिक्षा मित्र और पंचायत शिक्षकों पर गिरेगी गाज, डीईओ करेंगे कार्रवाई, जानें पूरा मामला

Bihar News: मुखिया उसका प्रमाण रद्द कर सकते हैं. मुखिया संघ के अध्यक्ष अजित कुमार सिंह ने बताया कि पिछले महीने डीईओ से यह सूचना मांगी थी कि 2003-2005 व 2006 में कितने शिक्षकों की बहाली हुई थी और उन शिक्षकों की रोस्टर की तहत बहाली हुई थी या नहीं हुई थी.

Bihar News: भागलपुर में इन शिक्षा मित्र और पंचायत शिक्षकों पर गिरेगी गाज, डीईओ करेंगे कार्रवाई, जानें पूरा मामला

भागलपुर : भागलपुर में 2003 - 2005 के बीच व 2006 में पंचायत स्तर पर बहाल शिक्षा मित्रों पर गाज कर सकती है. दरअसल, जिले के रंगरा प्रखंड में उक्त वर्षों में बहाल हुए शिक्षा मित्र जिन्हें बाद में पंचायत शिक्षक नियोजित किया गया, वो अब अवैध है. पूर्व में डीईओ ने प्रखंडो में यह आदेश जारी किया था कि 2003 एवं वर्ष 2005 का पंचायत शिक्षा मित्र तथा वर्ष 2006 के प्रथम चरण पंचायत शिक्षक के नियोजन में आरक्षण रोस्टर का अनुपालन नहीं किया गया. उक्त वर्ष के शिक्षा मित्र व पंचायत शिक्षकों का नियोजन से सम्बंधित अभिलेख उपलब्ध कराने को कहा गया है.

मुखिया संघ के अध्यक्ष अजित कुमार सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन दिया था. वहीं आज भी उन्होंने डीईओ से मुलाकात की डीईओ ने उन्हें ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर देने को कहा है चिन्हित करने के बाद वह लिखित रूप में आदेश निर्गत करेंगे. इसके बाद मुखिया उसका प्रमाण रद्द कर सकते हैं. मुखिया संघ के अध्यक्ष अजित कुमार सिंह ने बताया कि पिछले महीने डीईओ से यह सूचना मांगी थी कि 2003-2005 व 2006 में कितने शिक्षकों की बहाली हुई थी और उन शिक्षकों की रोस्टर की तहत बहाली हुई थी या नहीं हुई थी. जिसपर डीईओ ने कहा था कि उक्त वर्षों में पंचायत स्तर पर बहाल शिक्षा मित्र व पंचायत शिक्षक वह फर्जी हैं. उन्होंने कहा कि मदरौनी पंचायत के पूर्व मुखिया ने वहां लाखों रुपये लेकर बहाली की थी.

मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि उक्त वर्षो में जो पंचायत शिक्षा मित्र की बहाली हुई थी जिनको बाद में एक जुलाई 2006 से शिक्षक के रूप में मान्यता दी गयी. ऐसे सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्र अवैध हैं. मैंने मुखिया से कहा है कि नियोजन इकाई के अध्यक्ष वही हैं वो अधिकृत है कि प्रमाण पत्र रद्द कर सकते है वह चिन्हित करके दें उनका अनुमोदन हम करेंगे. जिस भी प्रखंड में ऐसे उक्त वर्षों में शिक्षा मित्र की बहाली हुई है उनके प्रमाण पत्र फर्जी है जहां भी ऐसा मामला सामने आता है मुखिया और पंचायत सचिव कार्रवाई कर सकते है.

इनपुट- अश्वनी कुमार

ये भी पढ़िए-  Lucky Dream Plant: घर के बाएं दरवाजे में लगाएं यह लकड़ी, मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, कभी नहीं होगी धन की कमी

 

Trending news