Shama Parveen: बेगूसराय की शमा परवीन बिहार लोक सेवा आयोग के परिणाम में पास होकर अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा किया. इनके पिता की छोटी सी दुकान है, जिससे परिवार का गुजार चलता है. वहीं, शमा परवीन को लोगों ने शादी लेकर खूब ताना दिया.
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Begusarai: शादी लेकर लोगों का ताना सुनने के बीच बीपीएससी अधिकारी बनने का सपना पूरा करने वाली बेगूसराय की शमा परवीन आज एक मिशाल बन चुकी हैं. बिहार लोक सेवा आयोग के परिणाम में मुस्लिम समुदाय से आने वाली शमा परवीन ने 204वां रैंक लाकर राजस्व अधिकारी बनने की कहानी बहुत ही रोचक और प्रेरणा देने वाली है. दरअसल, बेगूसराय के पोखरिया वार्ड नंबर 39 के रहने वाले मोहमद उमर साहब और मां रफत जहां की पुत्री शमा परवीन की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा सरकारी स्कूल से हुई है. वह वर्तमान में उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कुसमहौत में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं.
शमा परवीन के लिए ये साल बेहद ही खास रहा, जब उन्होंने इसी वर्ष फरवरी महीने में शिक्षक के रूप में सिलेक्शन हुआ. मूल रूप से बलिया प्रखंड के साले चक गांव के रहने वाले इस परिवार ने बच्चों की शिक्षा दीक्षा के लिए बेगूसराय शहर का रुख किया. जहां वो किराए का मकान लेकर बच्चों को नई राह दी. शुरू से ही पढाई को अपना तरक्की का आधार बनाने का रास्ता चुनने वाले इस परिवार के लोगों ने गरीबी को बेहद ही नजदीक देखा, पर हिम्मत नहीं हारी.
बेहद ही साधारण परिवार से आने वाली शमा परवीन का सपना शुरू से ही बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन के तहत अधिकारी के बनने का था. 69 वें बीपीएससी के परीक्षा में सफलता के लिए शिक्षक की नौकरी के साथ अपनी मेहनत जारी रखी. जिसका परिणाम हुआ कि इस वार उनका चयन राजस्व पदाधिकारी के रूप में हुआ. इस कामयाबी की खास बात यह है कि शमा परवीन को इसके लिए लोगों के खूब ताने सुनने पड़े. पास पड़ोस और रिश्तेदारों ने शमा परवीन के बढ़ती उम्र के बीच शादी नहीं करने पर तंज कसा पर शमा परवीन ने किसी की परवाह न करते हुए अपना लक्ष्य बीपीएससी को रखा. जिसका परिणाम है कि आज वो अपने मकशद में कामयाब हुई तो लोग उन्हें बधाई देने पहुंच रहे है.
शमा परवीन ने कहा कि अपने इस उपलब्धि पर बहुत खुश है. उनकी इस उपलब्धि का श्रेय उनके मां पिता को जाता है. खास तौर पर उनकी मां को इसका पूरा श्रेय जाता है. उनका अगला सपना यूपीएससी है. उनकी पढ़ाई लिखाई बेहद ही साधारण परिवेश में सरकारी स्कूल में हुई है. उन्होंने सेल्फ स्टडी के साथ हज भवन गाइडेंस प्रोग्राम पटना की मदद से इस उपलब्धि को हासिल किया है.
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शमा परवीन ने बताया कि कुछ लोग उनकी उम्र पर सवाल करते हुए इस उम्र में लड़कियों की शादी का उदाहरण देकर तंज कसा करते थे पर उन्होंने इस तंज की परवाह न करते हुए इसे दरकिनार कर अपना पूरा ध्यान अपने लक्ष्य पर रखा. जिसकी बदौलत वो अपना मुकाम हासिल कर पाई. वही अपनी बेटी की कामयाबी पर फुले नहीं समा रही शमा परवीन की मां रफत जहां ने जी मीडिया को बताया कि अपनी बेटी के इस उपलब्धि पर वह बहुत खुश हैं.
रिपोर्ट:जितेन्द्र कुमार
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