Maharashtra Governor News: 'गुजराती-राजस्थानी हटाए तो महाराष्ट्र में नहीं बचेगा पैसा', गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने कह दी ऐसी बात
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Maharashtra Governor News: 'गुजराती-राजस्थानी हटाए तो महाराष्ट्र में नहीं बचेगा पैसा', गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने कह दी ऐसी बात

Bhagat Singh Koshyari Video: महाराष्ट्रवासी बनाम बाहरी के मुद्दे को गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के एक बयान के बाद फिर से हवा मिल गई है. महाराष्ट्र गवर्नर ने कहा है कि गुजरातियों और राजस्थानियों को निकाल दें तो मुंबई आर्थिक राजधानी नहीं रहेगी.

Maharashtra Governor News: 'गुजराती-राजस्थानी हटाए तो महाराष्ट्र में नहीं बचेगा पैसा', गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने कह दी ऐसी बात

Bhagat Singh Koshyari Remarks On Mumbai: महाराष्ट्र के गवर्नर (Maharashtra Governor) भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) के एक बयान से महाराष्ट्र (Maharashtra) में बाहर से आकर बसे लोगों के मुद्दे को एक बार फिर से उठा दिया है. गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि अगर महाराष्ट्र, खासकर मुंबई (Mumbai) और ठाणे (Thane) से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाए, तो यहां कोई पैसा नहीं बचेगा. मुंबई (Mumbai) देश की आर्थिक राजधानी (Economic Capital Of India) नहीं रह पाएगी. अब महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के इस बयान ने महाराष्ट्रवासी बनाम बाहरी के मुद्दे को हवा दे दी है. 

  1. 1960 में किए गए थे बॉम्बे प्रेसीडेंसी के 2 हिस्से
  2. नेहरू सरकार में हुई थी गुजरात और महाराष्ट्र की स्थापना
  3. 1 मई को होता है दोंनो राज्यों का स्थापना दिवस

महाराष्ट्र गवर्नर ने क्या कहा?

गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने एक कार्यक्रम में कहा कि मैं लोगों से कहता हूं कि महाराष्ट्र से खासकर मुंबई और ठाणे से गुजरातियों और राजस्थानियों को निकाल दो तो तुम्हारे वहां पैसा बचेगा ही नहीं. मुंबई को जो आर्थिक राजधानी कहते हैं तो ये आर्थिक राजधानी कहलाएगी ही नहीं.

62 साल पहले एक थे गुजरात और महाराष्ट्र

बता दें कि साल 1960 तक महाराष्ट्र और गुजरात दो अलग राज्य नहीं थे बल्कि बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा थे. बॉम्बे प्रेसीडेंसी में ज्यादातर लोग मराठी और गुजराती भाषा बोलते थे. जब भाषा के आधार पर अलग राज्य की मांग हुई तो राज्‍यों के पुनर्गठन अधिनियम 1956 के तहत तत्कालीन जवाहर लाल नेहरू सरकार ने बॉम्बे प्रेसीडेंसी के दो हिस्सों में बांट दिया. एक का महाराष्ट्र तो दूसरे राज्य का नाम गुजरात रखा गया.

एक ही दिन मनाया जाता है दोनों राज्यों का स्थापना दिवस

जान लें कि महाराष्ट्र और गुजरात का स्थापना दिवस एक ही दिन मनाया जाता है. दोनों राज्यों का स्थापना दिवस 1 मई को होता है. बॉम्बे प्रेसीडेंसी को दो हिस्सों में बांटकर महाराष्ट्र और गुजरात दो नए राज्य बनाने को 62 साल से ज्यादा का समय हो चुका है.

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