RN Ravi on Congress: 'ये सिर्फ कांग्रेस तक सीमित नहीं', आजादी की लड़ाई पर बोले तमिलनाडु के राज्यपाल
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RN Ravi on Congress: 'ये सिर्फ कांग्रेस तक सीमित नहीं', आजादी की लड़ाई पर बोले तमिलनाडु के राज्यपाल

Indian Freedom Movement: तमिलनाडु के गवर्नर आरएन रवि ने सोमवार को कहा कि स्कूलों में छात्रों को आजादी की लड़ाई के बारे में पढ़ाना सिर्फ कांग्रेस तक ही सीमित नहीं होना चाहिए. इसमें कोई शक नहीं कि वे महान नेता थे लेकिन उनके अलावा भी कई स्वतंत्रता सेनानी थे. 

RN Ravi on Congress: 'ये सिर्फ कांग्रेस तक सीमित नहीं', आजादी की लड़ाई पर बोले तमिलनाडु के राज्यपाल

Tamilnadu News: तमिलनाडु के गवर्नर आरएन रवि ने सोमवार को कहा कि स्कूलों में छात्रों को आजादी की लड़ाई के बारे में पढ़ाना सिर्फ कांग्रेस तक ही सीमित नहीं होना चाहिए. इसमें कोई शक नहीं कि वे महान नेता थे लेकिन उनके अलावा भी कई स्वतंत्रता सेनानी थे. तमिलनाडु के गवर्नर आरएन रवि ने त्रिची नेशनल कॉलेज के एक सेमिनार में हिस्सा लिया, जो आजादी की लड़ाई में दक्षिण भारत की भाषाओं के योगदान को लेकर था. यहां आरएन रवि ने स्पीच दी. 

उन्होंने कहा, 'जब हम आंदोलन को देखते हैं तो यह सिर्फ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस तक सीमित नहीं होना चाहिए. वे महान नेता थे, इसमें कोई शक नहीं है लेकिन उनके अलावा भी कई अन्य लोग थे. इसी तरह हमें बीआर अंबेडकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, वीरा पंडित्या कट्टाबोम्मन, वेलुनाचियार, चिदंबरम पिल्लई, मारुधु ब्रदर्स, पुली देवन और कई अन्य लोग मिले. ' रवि ने कहा, महात्मा गांधी मामलों के सूत्रधार थे, इसलिए जो लोग राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा नहीं थे वे या तो हाशिए या फुटनोट या कहीं नहीं थे. 

उन्होंने आगे कहा कि स्कूल और कॉलेजों में जो आजादी की लड़ाई का रिकॉर्ड पढ़ाया जाता है, वह ज्यादातर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इतिहास के इर्द-गिर्द घूमता है. वे लोग आंदोलन का नेतृ्त्व कर रहे थे. महात्मा गांधी इसके सूत्रधार थे इसलिए जो लोग स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा नहीं थे, वे यो तो हाशिये पर आते थे या फिर कहीं नहीं. 

रवि ने कहा, 'महात्मा गांधी आजादी की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे थे लेकिन उनका क्या जो गुलामी की पीड़ा नहीं सह सके जैसे सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद, उत्तम सिंह, राजगुरु.  सुखदेव और कई अन्य यहां (तमिलनाडु) से थे. वे गुलामी की पीड़ा नहीं सह पाए और उन्होंने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया. उनको क्रांतिकारी कहा गया और उन्हें आंदोलन का अगुआ नहीं बताया गया.'

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