बाल ठाकरे के 3 बेटे, सिर्फ उद्धव ठाकरे ही क्यों आते हैं हर जगह नजर? कहां हैं उनके दो बड़े भाई
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बाल ठाकरे के 3 बेटे, सिर्फ उद्धव ठाकरे ही क्यों आते हैं हर जगह नजर? कहां हैं उनके दो बड़े भाई

Bal Thackeray Son: बाला साहेब ठाकरे (Bala Saheb Thackeray) के तीन बेटे... लेकिन, सिर्फ उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ही चर्चा में रहते हैं. बाल ठाकरे के सबसे बड़े बेटे का नाम बिंदुमाधव ठाकरे था, जबकि उनके दूसरे बेटे का नाम जयदेव और सबसे छोटे बेटे का नाम उद्धव ठाकरे हैं.

बाल ठाकरे के 3 बेटे, सिर्फ उद्धव ठाकरे ही क्यों आते हैं हर जगह नजर? कहां हैं उनके दो बड़े भाई

Balasaheb Thackeray Death Anniversary: शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे (Bala Saheb Thackeray) की आज (17 नवंबर) पुण्यतिथि है. बाल ठाकरे की पहचान महाराष्ट्र की राजनीति में एक ताकतवर नेता के रूप में है और एक समय था जब महाराष्ट्र की राजनीति में बाल ठाकरे की तूती बोलती थी. बाल ठाकरे ने 19 जून 1966 को शिवसेना का गठन किया था और उनके निधन के बाद उनके बेटे उद्धव ठाकरे पार्टी के प्रमुख बने. हालांकि, शिवसेना अब दो फाड़ में बंट चुकी है और एक गुट एकनाथ शिंदे संभाल रहे हैं, जबकि दूसरे गुट का नेतृत्व उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) कर रहे हैं. उद्धव ठाकरे अक्सर महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चा में रहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो बाल ठाकरे की अकेली संतान नहीं हैं.

बाल ठाकरे के 3 बेटे...

बाला साहेब ठाकरे (Bala Saheb Thackeray) के तीन बेटे... लेकिन, सिर्फ उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ही चर्चा में रहते हैं. दरअसल, बाल ठाकरे के सबसे बड़े बेटे का नाम बिंदुमाधव ठाकरे (Bindumadhav Thackeray) था, जिनका  20 अप्रैल 1996 को एक रोड एक्सीडेंट में निधन हो गया था. उनके दूसरे बेटे का नाम जयदेव ठाकरे (Jaidev Thackeray) है, जो आखिरी बार साल 2022 में एकनाथ शिंदे के साथ मंच पर नजर आए थे. बाल ठाकरे के तीसरे बेटे उद्धव ठाकरे हैं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.

जयदेव ठाकरे क्यों परिवार से कटे-कटे?

जयदेव ठाकरे (Jaidev Thackeray) की अपने पिता बाल ठाकरे और छोटे भाई उद्धव ठाकरे से कभी बनी नहीं. बाल ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक इंटरव्यू के दौरान का था, 'दैट बॉय इज ए ट्रेजेडी' यानी 'वो लड़का एक त्रासदी है'. इसके बाद 90 के दशक में जयदेव ठाकरे ने अपनी पहली पत्नी तलाक ले लिया, इससे बाल ठाकरे ज्यादा नाराज हो गए. इसके बाद जयदेव ने दूसरी शादी स्मिता ठाकरे से शादी कर ली. स्मिता ठाकरे का एक प्रोडक्शन हाउस है और एक एनजीओ भी चलाती हैं. शादी के कुछ साल बाद जयदेव और स्मिता के रिश्ते में दरार आने लगी और दोनों अलग हो गए, लेकिन तब तक स्मिता अपने ससुर बाल ठाकरे के दिल में खास जगह बना चुकी थीं.

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पति और पत्नी के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि जयदेव ठाकरे (Jaidev Thackeray) ने खुद घर छोड़ दिया, लेकिन स्मिता ठाकरे साल 20024 तक परिवार के साथ ही मातोश्री में रही, जब तक उनका जयदेव के साथ तलाक नहीं हो गया. जयदेव के दो बेटे हैं, जिनका नाम राहुल और ऐश्वर्य है. स्मिता से तलाक के बाद जयदेव ने अनुराधा से तीसरी शादी की और दोनों की एक बेटी है, जिसका नाम माधुरी है.

रिपोर्ट के अनुसार, जयदेव ठाकरे (Jaidev Thackeray) ने जब घर छोड़ा, उसके बाद उनके रिश्ते बाल ठाकरे(Bal Thackeray) से और ज्यादा खराब हो गए. हालांकि, इसके बाद भी जब जयदेव की तबीयत ज्यादा खराब हुई, तब बाल ठाकरे उन्हें देखने के लिए हॉस्पिटल गए. इसके साथ ही जयदेव के घर और उनकी फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन करने गए. लेकिन, साल 2012 में जब बाल ठाकरे की तबीयत खराब हुई, तब जयदेव उन्हें देखने अस्पताल नहीं पहुंचे थे.

बाल ठाकरे की वसीयत के खिलाफ कोर्ट गए जयदेव

17 नवंबर 2012 को बाल ठाकरे (Bal Thackeray) के निधन के बाद जयदेव ठाकरे (Jaidev Thackeray) उनकी वसीयत के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट चले गए, क्योंकि इसमें जयदेव के नाम कुछ भी नहीं था. बाल ठाकरे ने अपनी संपत्ति का ज्यादातर हिस्सा उद्धव ठाकरे और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम किया था. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने मातोश्री की पहली मंजिल स्मिता ठाकरे और उनके बेटे ऐश्वर्य के नाम की थी.

जयदेव ठाकरे ने कोर्ट में केस करते हुए दावा किया था कि वसीयत लिखते समय बाल ठाकरे की दिमागी स्थिति ठीक नहीं थी और उद्धव ठाकरे ने उन्हें बहलाकर प्रॉपर्टी अपने नाम कर ली. हालांकि, साल 2018 में जयदेव ने बिना कोई वजह बताए अपना केस वापस ले लिया.

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