Ayodhya Nikay Chunav Results: अयोध्या में BJP को फिर मिला भगवान राम का आशीर्वाद, मेयर सीट पर महंत गिरीश ने किया कब्जा
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Ayodhya Nikay Chunav Results: अयोध्या में BJP को फिर मिला भगवान राम का आशीर्वाद, मेयर सीट पर महंत गिरीश ने किया कब्जा

Ayodhya Nagar Nigam Mayor: अयोध्या में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को एक बार फिर भगवान राम का आशीर्वाद मिला है और मेयर सीट पर पार्टी उम्मीदवार महंत गिरीशपति त्रिपाठी (Mahant Girish Pati Tripathi) ने कब्जा किया है.

Ayodhya Nikay Chunav Results: अयोध्या में BJP को फिर मिला भगवान राम का आशीर्वाद, मेयर सीट पर महंत गिरीश ने किया कब्जा

Ayodhya Nagar Nigam Mayor Election Result 2023: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने परचम लहराया है और पार्टी ने राज्य के सभी 17 मेयर पदों पर कब्जा किया है. हालांकि, भाजपा के लिए अयोध्या सबसे घास है और पार्टी को एक बार फिर भगवान राम का आशीर्वाद मिला है. बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण कार्य शुरू होने के बाद पहली बार नगर निकाय चुनाव (Ayodhya Nagar Nigam) हुए हैं और बीजेपी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है.

मेयर सीट पर महंत गिरीश ने किया कब्जा

अयोध्या में हुए नगर निकाय चुनाव (Ayodhya Nagar Nigam) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के महंत गिरीशपति त्रिपाठी (Mahant Girish Pati Tripathi) ने जीत दर्ज की है, जबकि दूसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी (SP) के आशीष पांडेय रहे. महंत गिरीशपति त्रिपाठी को करीब 75 हजार वोट मिले, जबकि सपा प्रत्याशी के पक्ष में 41 हजार वोट पड़े. इस हिसाब से बीजेपी उम्मीदवार ने करीब 34 हजार मतों से जीत दर्ज की.

समर्थकों ने नए मेयर को दी बधाई

अयोध्या नगर निकाय चुनाव (Ayodhya Nagar Nigam) में जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के समर्थकों में खुशी का माहौल है. बीजेपी समर्थकों ने महंत गिरीशपति त्रिपाठी (Mahant Girish Pati Tripathi) की जीत के बाद बधाई दी और उन्हें फूल-मालाओं से लाद दिया.

राजनीतिक परिवार से आते हैं महंत गिरीश

अयोध्या के नए मेयर महंत गिरीशपति त्रिपाठी (Mahant Girish Pati Tripathi) का बैकग्राउंड राजनीतिक रहा है और उनके पिता ने साल 1989 में नगर पालिका के चेयरमैन का चुनाव भी लड़ा था. महंत गिरीश ने अयोध्या के तुलसी राकीय स्कूल एवं महाराजा इंटर कॉलेज से शुरुआती पढ़ाई करने के बाद उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से रक्षा अध्ययन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी भी की, लेकिन सफलता नहीं मिली. इसी बीच उनके पिता का निधन हो गया और उनकी ताजपोशी तीन कलश तिवारी मंदिर के महंत के रूप में हो गई.

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