Assembly Election Result 2022: आम आदमी पार्टी के लिए अहम हैं आज के चुनाव नतीजे, पार्टी का यह सपना हो सकता है पूरा
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Assembly Election Result 2022: आम आदमी पार्टी के लिए अहम हैं आज के चुनाव नतीजे, पार्टी का यह सपना हो सकता है पूरा

Aam Aadmi Party News: दिल्ली, पंजाब और गोवा में पहले से ही राज्य पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त करके आप राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने से सिर्फ एक राज्य दूर है. 

Assembly Election Result 2022: आम आदमी पार्टी के लिए अहम हैं आज के चुनाव नतीजे, पार्टी का यह सपना हो सकता है पूरा

AAP News: गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव नतीजे आज (8 दिसंबर) घोषित होने है. इन चुनाव परिणामों का असर जहां राष्ट्रीय राजनीति पर भी देखने को मिलेगा. वहीं आम आदमी पार्टी के यह नतीजे बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि आज राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल कर सकती है. दिल्ली, पंजाब और गोवा में पहले से ही राज्य पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त करके आप राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने से सिर्फ एक राज्य दूर है. 

क्या कहते हैं नियम? 
एक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए, एक राजनीतिक संगठन को कम से कम चार राज्यों में मान्यता प्राप्त करने की आवश्यकता होती है. राज्य पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए किसी दल को राज्य की कम से कम दो सीट पर जीत और विधानसभा चुनाव में छह प्रतिशत वोट हासिल करने की आवश्यकता होती है. दूसरे शब्दों में कहें तो राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिये आप को गुरुवार होने वाली मतगणना में दो सीट पर जीत और छह प्रतिशत मत हासिल करने की जरूरत है.

आप को गुजरात से ज्यादा उम्मीद
आम आदमी पार्टी को हिमाचल प्रदेश से ज्यादा गुजरात में अच्छा प्रदर्शन करने की जरुरत है. भाजपा के गुजरात के गढ़ में सेंध लगाने के आप ने सभी 182 विधानसभा सीट पर अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारा और आक्रामक प्रचार अभियान भी चलाया. चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी ने खुद को और अपने राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को क्रमशः भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष एकमात्र चुनौती के रूप में पेश किया.

मोदी के गृह राज्य में चुनावों के परिणाम यह निर्धारित करेंगे कि क्या आप आंकड़ों में नंबर दो के रूप में कांग्रेस को सफलतापूर्वक हटा सकती है और भाजपा के समक्ष प्रमुख चुनौती के रूप में उभर सकती है. ऐसा अगर होता है तो 2024 के लोकसभा चुनावों में मोदी के रथ को रोकने में केजरीवाल की भूमिका भी इससे निर्धारित होगी. 

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