Himanta Biswa Sarma: मैं सूरज की रोशनी नहीं हूं लेकिन मोमबत्ती.... CM हिमंता सरमा के बयान के मायने क्या हैं?
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Himanta Biswa Sarma: मैं सूरज की रोशनी नहीं हूं लेकिन मोमबत्ती.... CM हिमंता सरमा के बयान के मायने क्या हैं?

Assam News: मुख्यमंत्री ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने आधिकारिक भाषण में कहा कि हिंदू आबादी 60-65 प्रतिशत से घटकर धीरे-धीरे 50 प्रतिशत पर आ रही है. शर्मा ने कहा, ‘संकट के ऐसे दौर में मैं जनसंख्या संतुलन वापस लाने की कोशिश कर रहा हूं. मैं सभी हिंदुओं, मुसलमानों और अन्य लोगों से परिवार नियोजन संबंधी नियमों का पालन करने का अनुरोध करता हूं. हमें समाज के हर वर्ग द्वारा बहुविवाह को लेकर जागरूक होना चाहिए.’

Himanta Biswa Sarma: मैं सूरज की रोशनी नहीं हूं लेकिन मोमबत्ती.... CM हिमंता सरमा के बयान के मायने क्या हैं?

Assam: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य का भविष्य ‘सुरक्षित नहीं’ है क्योंकि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच जनसंख्या संतुलन तेजी से समाप्त हो रहा है. सरमा ने स्वतंत्रता दिवस पर यहां तिरंगा फहराने के बाद कहा कि असम में जनसांख्यिकी परिवर्तन के कारण मूल निवासी ‘रक्षात्मक मुद्रा’ में आ गए हैं, क्योंकि ‘हम 12-13 जिलों में अल्पसंख्यक हैं. असम का भविष्य हमारे लिए सुरक्षित नहीं है. हिंदू-मुस्लिम जनसंख्या का संतुलन तेजी से समाप्त हो रहा है. मुस्लिम आबादी 2021 में बढ़कर 41 प्रतिशत हो गई, जबकि हिंदू घटकर 57 प्रतिशत रह गए. बाकी ईसाई और अन्य समुदाय हैं.’

मुख्यमंत्री ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने आधिकारिक भाषण में कहा कि हिंदू आबादी 60-65 प्रतिशत से घटकर धीरे-धीरे 50 प्रतिशत पर आ रही है. शर्मा ने कहा, ‘संकट के ऐसे दौर में मैं जनसंख्या संतुलन वापस लाने की कोशिश कर रहा हूं. मैं सभी हिंदुओं, मुसलमानों और अन्य लोगों से परिवार नियोजन संबंधी नियमों का पालन करने का अनुरोध करता हूं. हमें समाज के हर वर्ग द्वारा बहुविवाह को लेकर जागरूक होना चाहिए.’

मैं सूरज की रोशनी नहीं हूं...

उन्होंने कहा, ‘हम 12-13 जिलों में अल्पसंख्यक बन गए हैं. अगर मजबूत राज्य सरकार नहीं होगी तो मूल निवासियों को हर कदम पर खतरा महसूस होगा. ‘मैं सूरज की रोशनी नहीं हूं, लेकिन मूल निवासियों के हितों की रक्षा के लिए अपनी आखिरी सांस तक उम्मीद की मोमबत्ती की तरह खड़ा रहूंगा.’

कुछ दिन पहले हिमंत बिस्वा सरमा ने मेघालय यूनिवर्सिटी के 'मक्का' जैसे गेट को लेकर सवाल उठाए थे. सीएम ने कहा था कि इमारत की वास्तुकला इस्लाम के सबसे पवित्र स्थलों में से एक मक्का से मिलती जुलती है. यह गेट मेघालय का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय है. 

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इससे पहले सीएम हिमंत सरमा ने गुवाहाटी में अचानक आई बाढ़ के लिए विश्वविद्यालय में चल रहे निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था कि मेघालय के री-भोई जिले में स्थित विश्वविद्यालय में जंगलों और पहाड़ियों की कटाई की गई, जिसके कारण अचानक बाढ़ आ गई.

(इनपुट: भाषा)

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