चंद्रयान-3 पर ये क्या बोल गए मंत्री जी..लोगों के गले नहीं उतर रहा, जमकर हुए ट्रोल
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चंद्रयान-3 पर ये क्या बोल गए मंत्री जी..लोगों के गले नहीं उतर रहा, जमकर हुए ट्रोल

Ashok Chandna: ये मंत्री कोई नहीं बल्कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना हैं. उन्हों चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर भारतीय वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दी लेकिन वो यह कह बैठे कि चांद पर जो यात्री गए हैं, उनको सलाम है.

चंद्रयान-3 पर ये क्या बोल गए मंत्री जी..लोगों के गले नहीं उतर रहा, जमकर हुए ट्रोल

Soft Landing Of Chandrayaan-3: एक तरफ जहां पूरी दुनिया भारत को चंद्रयान-3 को लेकर बधाई दे रही है तो वहीं अब भी काफी लोग कंफ्यूज नजर आ रहे हैं. इनमें नेता से लेकर मंत्री तक शामिल हैं. इसी कड़ी में राजस्थान के मंत्री ने चंद्रयान-3 मिशन पर ऐसी बधाई दे डाली जिसे सुनकर लोगों को समझ में ही नहीं आया. मंत्री जी ने बुधवार को गलती से 'चंद्रयान-3' मिशन में भाग लेने वाले 'यात्रियों' को बधाई दे डाली है. असल में अशोक गहलोत कैबिनेट में मंत्री अशोक चांदना ने चंद्रयान के मानव रहित लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने से कुछ घंटे पहले ही यह बात कही थे.

हुआ यह कि जयपुर में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से उन्होंने कहा किअगर हम कामयाब हुए और सेफ लैंडिंग हुई तो हमारे जो यात्री गए हैं हमारे उनको सलाम करता हूं. हमारा देश, विज्ञान व अंतरिक्ष अनुसंधान में एक कदम और आगे बढ़ा, उसकी सभी देशवासियों को बधाई देता हूं. जैसे ही उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया लोगों ने उन्हें जमकर निशाना बना रहे हैं. इस बात को लेकर लोग सोशल मीडिया पर मजेदार कमेंट्स कर रहे हैं और उन्हें ट्रोल कर रहे हैं.

हालांकि अशोक चांदना पहले नेता नहीं हैं जो चंद्रयान-3 पर अपने अधूरे ज्ञान के चलते ट्रोल हो गए. इसी कड़ी में ममता बनर्जी और ओमप्रकाश राजभर सरीखे नेता भी ट्रोल हो चुके हैं. बता दें कि इसरो ने बुधवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम की सॉफ्ट लैंडिग कराने में सफलता हासिल की है.

भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ है. इसके सतह ही भारत के वैज्ञानिकों ने वह कर दिखाया जो कोई भी देश नहीं कर पाया. चन्द्रयान-3 इसरो की उम्मीदों और इसरो की मेहनत पर खरा उतरा और चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतर गया. यह मिशन आसान नहीं था क्योंकि अभी तक कोई भी देश यह इतिहास नहीं रच पाया है. (इनपुट- एजेंसी)

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