Russia-Ukraine War से भारत को क्या सबक मिला, Rajnath Singh के सामने ये बोले Army Chief Manoj Pande
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Russia-Ukraine War से भारत को क्या सबक मिला, Rajnath Singh के सामने ये बोले Army Chief Manoj Pande

Russia-Ukraine Conflicts: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं का एकीकरण करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और साजो-सामान के लिए साझा मंजूरी व्यवस्था कायम करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि एक सेवा के संसाधनों को अन्य सेवा के लिए बिना रुकावट उपलब्ध कराया जा सके. 

Russia-Ukraine War से भारत को क्या सबक मिला, Rajnath Singh के सामने ये बोले Army Chief Manoj Pande

Army Chief on Logistics: आर्मी चीफ मनोज पांडे ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन-रूस के बीच विवाद यह दिखाता है कि जंग सिर्फ सेनाएं नहीं लड़तीं बल्कि ये एक देश के प्रयास होते हैं. जनरल पांडे आर्मी लॉजिस्टिक्स कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल थे. आर्मी चीफ ने कहा, 'युद्ध राष्ट्र के लचीलापन को टेस्ट करते हैं और देश के संसाधनों और क्षमताओं को कसते हैं. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को आधा साल हो चुका है, यह सटीक उदाहरण है.'

उन्होंने कहा, जो लोग राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हैं उनके लिए यह अहम सबक है. ऐसा ही एक सबक जो साफ तौर से सामने आया है, वह यह है कि सैन्य अभियानों की गति, तीव्रता और पहुंच लॉजिस्टिक सपोर्ट की ताकत, चपलता और क्षमता पर निर्भर करती है. जॉइंट मिलिट्री सिविल स्ट्रक्चर्स को लेकर अमेरिका, ब्रिटेन और रूस के अलावा हाल ही में चीन की ओर से तेजी से उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने इस मुद्दे की जरूरत के बारे में बताया.

जनरल पांडे ने कहा कि भले ही मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर सुरक्षाबलों की तत्काल और खास मांगों को पूरा करना जारी रखेगा, लेकिन भारतीय इंडस्ट्री के साथ सैन्य और नागरिकों का मिश्रण भविष्य के ऑपरेशन्स को पूरा करने में कवच का काम करेगा. 

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं का एकीकरण करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और साजो-सामान के लिए साझा मंजूरी व्यवस्था कायम करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि एक सेवा के संसाधनों को अन्य सेवा के लिए बिना रुकावट उपलब्ध कराया जा सके. रक्षा मंत्री ने नागरिक और सैन्य हितधारकों के बीच जरूरी तालमेल पर भी जोर दिया और कहा कि भारत 'अमृत काल' की दहलीज पर खड़ा है ऐसे में दोनों पक्षों के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी टारगेट को हासिल करने के लिए 'प्रतिबद्धता' दिखाती है.

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