Amritpal Singh New Video: अमृतपाल सिंह ने वीडियो में कहा कि अगर पुलिस को मुझे गिरफ्तार करना होता तो घर से करते. मुझे मालवा जाने से रोकने की कोशिश हुई. आगे उसने कहा कि सरकार की मंशा गिरफ्तार करने की नहीं थी. हालांकि मैं गिरफ्तारी से नहीं डरता.
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Who is Amitpal Singh: खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह ने एक नया वीडियो जारी किया है. 18 मार्च के बाद पहली बार अमृतपाल सामने आया है. पुलिस लगातार अमृतपाल को पकड़ने के लिए अभियान चला रही है. अमृतपाल सिंह ने वीडियो में कहा कि अगर पुलिस को मुझे गिरफ्तार करना होता तो घर से करते. मुझे मालवा जाने से रोकने की कोशिश हुई. आगे उसने कहा कि सरकार की मंशा गिरफ्तार करने की नहीं थी. हालांकि मैं गिरफ्तारी से नहीं डरता. अमृतपाल लगातार पुलिस को चमका दे रहा है.
क्या बोला वीडियो में
इस वीडियो में अमृतपाल देश-विदेश में रहने वाले सिख समुदाय के लोगों से एकजुट होने को कह रहा है. वीडियो में उसने कहा, मैं सिख संगतों से अपील करता हूं कि बैसाखी के मौके पर सरबत खालसा में शामिल होकर सिख कौम के छोटे बड़े मसलों पर बातचीत करें. क्योंकि लंबे वक्त से हमारी जो कौम है वो हमारे मसलों पर छोटे-छोटे मोर्चे लगाकर उलझी रहती है. हमें चाहिए कि अपने मसलों का हल कराएं. हुकूमत ने जो हमारे साथ धोखा किया है हमारे साथियों पर एनएसए लगाकर उन्हें असम भेज दिया गया क्योंकि उन्होंने सिख धर्म की बात की.
आगे अमृतपाल ने कहा, मेरे कई साथियों को असम भेजा गया है और कइयों को जेल डाला गया. ये सीधे तौर पर हमारे साथ जुल्म है. हमें पता है कि हम जिस रास्ते पर चल रहे हैं वहां हमें ये सब कुछ सहना पड़ेगा और ये हमारा कौमी फर्ज है. मैं सारी सिख संगत जो देश-विदेश में बैठी है उन से मैं अपील करता हूं कि जो सरबत खालसा बैसाखी पर होने जा रहा है इस पर गौर करें और जैसा हमारे जत्थेदार साहब ने कहा है कि धार्मिक कीर्तन के कार्यक्रम करके गांव में जाकर लोगों को जागरुक करेंगे.
'हुकूमत ने पैदा किया खौफ'
खालिस्तानी उपदेशक ने कहा, मेरी सब से विनती है कि लोग पहले से ही बहुत जागरुक हैं लोगों के मन में हुकूमत ने जो खौफ पैदा किया है इसको तोड़ने वास्ते जरूरी है कि आगे आकर चाहे वो दल हो, टकसाले हो, सिख संगठन हो, वो सब इस बैसाखी पर होने जा रहे सरबत खालसा में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें और ये सरबत खालसा एक बड़ा आयोजन होना चाहिए. आगे उसने कहा, अहमद शाह अब्दाली के वक्त के दौरान भी एक ऐसा ही सरबत खालसा हुआ था जब कोई भी सिख अपने घर नहीं बैठा था. कुछ वैसा ही कार्यक्रम अब वैशाखी के दौरान भी होना चाहिए. मेरी संगत से अपील है कि अगर पंजाब की जवानी बचानी है और अपने कौमी हक हासिल करने हैं तो हम इकट्ठे हो. बाकी जो मेरी गिरफ्तारी की बात है वो सच्चे बादशाह के हाथ में है मैं चढदी कलां (मजे में) हूं कोई मेरा बाल नहीं हिला सका.
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