Keshav Prasad Maurya: केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ एक्शन लेगा इलाहाबाद हाईकोर्ट? PIL में संवैधानिक पद का हवाला
Advertisement
trendingNow12364165

Keshav Prasad Maurya: केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ एक्शन लेगा इलाहाबाद हाईकोर्ट? PIL में संवैधानिक पद का हवाला

Keshav Prasad Maurya News: डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने संवैधानिक पद पर रहते हुए बीती 14 जुलाई को सार्वजनिक तौर पर एक बयान जारी किया था. जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार से बड़ा पार्टी का संगठन होता है. मौर्य से जुड़ी कुछ पुरानी बातों को लेकर भी उनके खिलाफ एक्शन लेने की मांग करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्जी लगाई गई है.

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य

UP High Court News: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्य (Keshav Prasad Maurya) के एक बयान को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई है. बीजेपी (BJP) संगठन को सरकार से बड़ा बताए जाने के बयान पर एक्शन लिए जाने की मांग से जुड़ी याचिका में कुछ तकनीकि बातें कही गई हैं. यानी बीजेपी संगठन को सरकार से ऊपर बताने वाले केशव प्रसाद मौर्य ने कब सोचा होगा कि उनकी बात से कोई इतना आहत होगा कि सीधे इलाहाबाद हाईकोर्ट ही पहुंच जाएगा. लेकिन ऐसा हो गया. बात निकली तो दूर तक गई और अब डिप्टी सीएम के संवैधानिक पद का हवाला देते हुए उनपर कार्रवाई की मांग की गई है. 

मंजेश यादव नाम के अधिवक्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में इसे लेकर एक याचिका दी है. उनकी जनहित याचिका में माननीय हाईकोर्ट से ये कहा गया है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के कई बयान संवैधानिक पद की गरिमा और सरकार की पारदर्शिता और शुचिता पर सवालिया निशान खड़ा करते हैं. ऐसे में उनके खिलाफ एक्शन लेना चाहिए. 

ये भी पढ़ें- क्या है नजूल संपत्ति विधेयक? विधान परिषद में अटका, पास न करा पाए योगी

मौर्य के खिलाफ 7 क्रिमिनल केस: याची

याचिका में डिप्टी सीएम के खिलाफ दर्ज 7 अपराधिक मामलों को भी दर्शाया गया है. मंजेश की याचिका में कहा गया है कि इतने मुकदमों के बाद भी केशव प्रसाद मौर्य की संवैधानिक पद पर नियुक्ति की गई है, जो तकनीकि रूप से गलत है. 

ये भी पढ़ें- मोदी और अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, अब क्या होगा?

क्या बोले थे मौर्य?

यूपी में चल रही तथाकथित बीजेपी की अंतरकलह के बीच डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बीजेपी की बैठक में कहा था कि संगठन पार्टी से बड़ा होता है. वहीं डिप्टी सीएम के इस बयान के यूपी की राजनीति में हलचल तेज हो गई थी और कई तरह के बयान भी सामने आए थे. इस बयान का न अब तक बीजेपी ने खंडन किया है और न ही राज्यपाल और चुनाव आयोग ने ही कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

ये भी पढ़ें- लखनऊ! तुझे किसकी नजर लगी? अदब के शहर में ये लफंगे कहां से आ गए

Trending news