Deployment of Magnetometer Boom on Aditya-L1: इसरो के मुताबिक, इन सेंसरों को रणनीतिक रूप से स्पेसक्राफ्ट के मुख्य हिस्से से 3 और 6 मीटर की दूरी पर तैनात किया गया है ताकि अपने चुंबकीय क्षेत्र की दखलअंदाजी को कम किया जा सके. डबल सेंसर का इस्तेमाल इस प्रभाव का ज्यादा सटीक अनुमान लगाने के काबिल है
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Aditya L1 Halo Orbit: स्पेस में इसरो को एक और कामयाबी मिली है. भारत के सोलर मिशन आदित्य एल-1 ने लैग्रेंज पॉइंट-1 (एल-1 पॉइंट) पर अपना 6 मीटर लंबा मैग्नेटोमीटर बूम स्थापित कर अंतरिक्ष की दुनिया में इतिहास रच दिया है. आदित्य एल-1 मिशन के हेलो ऑर्बिट पर स्थापित होने के बाद इसरो को यह कामयाबी मिली है.
मैग्नेटोमीटर बूम की क्या खासियत है
मैग्नेटोमीटर बूम आदित्य एल-1 मिशन का अहम हिस्सा है, जो सूरज के क्रोमोस्फेयर, कोरोना और अंतरग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करने में मदद करेगा. बूम में दो एडवांस फ्लक्सगेट मैग्नेटोमीटर सेंसर लगे हैं, जो अंतरिक्ष में कम तीव्रता वाले चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) को मापने के लिए अहम है.
लगाए गए हैं डबल सेंसर्स
इसरो के मुताबिक, इन सेंसरों को रणनीतिक रूप से स्पेसक्राफ्ट के मुख्य हिस्से से 3 और 6 मीटर की दूरी पर तैनात किया गया है ताकि अपने चुंबकीय क्षेत्र की दखलअंदाजी को कम किया जा सके. डबल सेंसर का इस्तेमाल इस प्रभाव का ज्यादा सटीक अनुमान लगाने के काबिल है और स्पेस क्राफ्ट से पैदा होने वाले किसी भी चुंबकीय प्रभाव को रद्द कर देता है.
अनोखा बूम डिजाइन
मैग्नेटोमीटर बूम को कार्बन फाइबर-रीन्फोर्स्ड पॉलीमर से बनाया गया है. बूम में स्प्रिंग-से चलने वाली हिंज मिकैनिज्म से जुड़े पांच सेग्मेंट्स के साथ जुड़े हुए सिस्टम की सुविधा है. यह डिजाइन बूम को एक पेटेंट केवलर क्लोज लूप मिकैनिक से कंट्रोल, अकॉर्डियन-शैली को मोड़ने और तैनात करने देता है. तैनाती के दौरान, हिंज सेग्मेंट्स को अपने ऑपरेशनल कॉन्फ़िगरेशन में लॉक कर देता है.
लॉन्च फेज के दौरान बूम को दो होल्ड-डाउन के जरिए सुरक्षित रखा गया, जिससे लॉन्च लोड को स्पेसक्राफ्ट के अंदर ट्रांसफर किया गया था. तैनाती की शुरुआत में कमांड पर थर्मल कटर-बेस्ड रिलीज सिस्टम को एक्टिव करना भी प्रक्रिया में शामिल था. आदित्य एल-1 मिशन पर मैग्नेटोमीटर बूम की तैनाती इस मिशन के लिए बेहद अहम है. पूरी तरह से तैनात मैग्नेटोमीटर बूम अब वैज्ञानिकों को अंतरग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र के सटीक माप जमा करने की सुविधा देगा, जो सौर घटनाओं और अंतरिक्ष के मौसम पर उनके प्रभाव के बारे में बताएगा.